गैस वितरण को लेकर उभरा नया विवाद : एलपीजी कंपनी की कार्रवाई से एजेंसियां परेशान, सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज

UPT | एलपीजी कंपनी

Jul 11, 2024 16:54

एलपीजी कंपनी पर आरोप है कि कंपनी ने मंडल की लगभग 20 एजेंसियों को एक बैठक में बुलाया और उन पर नॉन-फ्यूल रेवेन्यू का लक्ष्य पूरा करने का दबाव डाला।

Gorakhpur News : गोरखपुर मंडल में एलपीजी गैस वितरण व्यवस्था को लेकर एक नया विवाद उभर कर सामने आया है। दरअसल, स्थानीय गैस एजेंसी संचालकों का आरोप है कि एलपीजी कंपनी ने उन पर दबाव डाल रही है और गैस सिलिंडरों की आपूर्ति रोक दी है। इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब कई एजेंसी मालिकों ने मुख्यमंत्री पोर्टल और आपूर्ति विभाग में शिकायत दर्ज कराई।

अतिरिक्त सामान बेचने का दबाव
आरोपों के अनुसार, एलपीजी कंपनी ने मंडल की लगभग 20 एजेंसियों को एक बैठक में बुलाया और उन पर नॉन-फ्यूल रेवेन्यू (Non-Fuel Revenue) का लक्ष्य पूरा करने का दबाव डाला। कंपनी की मांग है कि एजेंसियां विभिन्न उपकरण जैसे कि 19 किलोग्राम के वाणिज्यिक सिलिंडर, नैनो कट, 5 किलोग्राम के वाणिज्यिक सिलिंडर, और 2 किलोग्राम के सिलिंडर की बुकिंग करें। इसके अलावा, सिलिंडर ट्रॉली, गैस लाइटर, पाइप, स्टोव, थर्मल स्टोव, रसोई उपकरण, और अग्निशामक यंत्र जैसे अतिरिक्त सामान भी खरीदने की शर्त रखी गई है।



सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज
एजेंसी संचालकों का कहना है कि वे अपनी इच्छा से ही कंपनी के उत्पादों को खरीद सकते हैं। इस तरह का दबाव उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ है, क्योंकि इससे गैस की आपूर्ति बाधित हो सकती है। इस मुद्दे को लेकर पीपीगंज के एक गैस एजेंसी संचालक ने आईजीआरएस पोर्टल पर मुख्यमंत्री से शिकायत की है। उन्होंने बताया कि उन्हें बैठक में शामिल नहीं होने के कारण बाद में पता चला कि उनकी एजेंसी सहित कई अन्य एजेंसियों की गैस आपूर्ति रोक दी गई है। सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज का साथ मामले की गंभीरता को देखते हुए, कुछ एजेंसी संचालकों ने आपूर्ति विभाग में भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने विभाग से अनुरोध किया है कि वे एलपीजी कंपनी पर दबाव डालकर गैस की आपूर्ति बहाल करवाएं।

कंपनी ने आरोपों को बताया बेबुनियादी
हालांकि, मंडल एलपीजी प्रमुख रवि कुमार चंदेरिया का कहना है कि किसी भी एजेंसी की गैस आपूर्ति नहीं रोकी गई है और न ही किसी सामान की खरीद के लिए दबाव डाला जा रहा है। उनका मानना है कि यह केवल एक गलतफहमी का नतीजा है।

मामले की होगी जांच
दूसरी ओर, जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया है कि ग्राहक केवल रेगुलेटर और गैस सिलिंडर खरीदने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी या एजेंसी किसी अन्य सामान की खरीद के लिए दबाव नहीं डाल सकती। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस मामले की जांच की जाएगी और कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

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