गोरखपुर के छात्रों का नवाचार : सीमा सुरक्षा के लिए तैयार किया एआई रोबोट, बॉर्डर पर सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

UPT | सीमा सुरक्षा के लिए तैयार किया एआई रोबोट।

Aug 18, 2024 19:59

गोरखपुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा के छात्रों ने देश के जवानों की सुरक्षा के लिए तैयार किया, एआई रोबोट सोल्जर।

Gorakhpur News : गोरखपुर से एक प्रेरणादायक खबर सामने आई है, जहां इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम) गीडा के छात्रों ने देश के जवानों की सुरक्षा के लिए एक अत्याधुनिक एआई रोबोट सोल्जर तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट को बीसीए द्वितीय वर्ष के आठ छात्रों-आदित्य मद्धेशिया, मेराज हुसैन, नीरज गुप्ता, प्रियांशु गुप्ता, विकास मौर्या, सुमित गुप्ता, आरुषि श्रीवास्तव और स्नेहा पाण्डेय ने मिलकर संस्थान के इनोवेशन सेल में तैयार किया है।

रोबोट विशेष रूप से बॉर्डर पर तैनात सेना के जवानों की सुरक्षा के लिए
यह एआई रोबोट विशेष रूप से बॉर्डर पर तैनात सेना के जवानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। यह रोबोट सैकड़ों किलोमीटर दूर से दुश्मनों पर गोलियां दागने की क्षमता रखता है। इसका वजन लगभग 55 किलोग्राम है और इसे मेटल, स्टील, और फाइबर से डिजाइन किया गया है। इस रोबोट की ऊंचाई लगभग 6.6 इंच है और इसके बाएं कंधे पर 18 एमएम का इलेक्ट्रॉनिक मशीन गन लगाया गया है। इस गन को सेना के जवान दूर से ही संचालित कर सकते हैं, जिससे वे बिना दुश्मन के नजर में आए गोलाबारी कर सकते हैं। रोबोट को ऑटो और मैनुअल दोनों मोड में संचालित किया जा सकता है। ऑटो मोड पर यह रोबोट दुश्मन को देखते ही गोलियों की बौछार कर देता है।

कुल 12 इलेक्ट्रिक मशीन गन के बैरल लगाए  
छात्रों ने बताया कि इस एआई रोबोट में कुल 12 इलेक्ट्रिक मशीन गन के बैरल लगाए गए हैं, जो अलग-अलग दिशाओं में दुश्मनों पर हमला कर सकते हैं। एक एआई रोबोट बॉर्डर पर लगभग 2 किलोमीटर का क्षेत्र कवर कर सकता है। यह रोबोट 360 डिग्री घूमने में सक्षम है, जिससे यह चारों तरफ नजर रख सकता है और किसी भी दिशा में फायरिंग कर सकता है। रोबोट में लगे सेंसर बॉर्डर पर दुश्मनों की उपस्थिति की जानकारी कंट्रोल रूम तक पहुंचाते हैं, जिससे समय पर कार्रवाई की जा सके। इस एआई रोबोट की सबसे खास बात यह है कि यह अपने सैनिकों के सामने आने पर ट्रिगर लॉक कर देता है, जिससे गलती से भी अपने जवानों पर हमला नहीं हो सकता। इस रोबोट को बॉर्डर पर बने बंकरों में तैनात किया जा सकता है, जिससे हमारे सैनिक सुरक्षित स्थान से दुश्मनों पर हमला कर सकते हैं और उनकी नजरों में आए बिना ही उन्हें निशाना बना सकते हैं।

प्रोजेक्ट को तैयार करने में 1.80 लाख रुपये का खर्च आया 
रोबोट को बनाने में गियर मोटर आर्म्स, हाई पावर गियर मोटर, मेटल पाइप, कैमरा, सर्वो मोटर्स, आरएफ रिमोट कंट्रोल और मोटरसाइकिल के पार्ट्स जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में लगभग 1.80 लाख रुपये का खर्च आया है। संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने छात्रों की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह एआई रोबोट बॉर्डर पर जवानों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि संस्थान छात्रों के इस प्रोजेक्ट को और आगे बढ़ाने के लिए हर संभव सहायता करेगा। इस मौके पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल और अन्य शिक्षकों ने छात्रों को बधाई दी और उनके प्रयासों की सराहना की।  

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