मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितता : 116 ग्राम प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू, संबंधित प्रधानाध्यापकों को भी नोटिस जारी 

UPT | मध्याह्न भोजन लेने के लिए लगी लाइन

Aug 20, 2024 16:12

मध्याह्न भोजन वितरण योजना में गंभीर लापरवाही सामने आई है। इसमें अब ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी भी तय की जा रही है, महराजगंज जिले के 116 प्राथमिक विद्यालयों में हुए इस घोटाले पर कार्रवाई शुरू हो गई…

Maharajganj News : मध्याह्न भोजन वितरण योजना में गंभीर लापरवाही सामने आई है। इस लापरवाही के चलते अब ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी भी तय की जा रही है। जिले के 116 प्राथमिक विद्यालयों में हुए इस घोटाले पर कार्रवाई शुरू हो गई है।

जिले के 116 विद्यालयों में छात्रों को दूध और मौसमी फल के वितरण में अनियमिता
हाल ही में खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा की गई जांच में पाया गया कि जिले के 116 विद्यालयों में छात्रों को दूध और मौसमी फल का वितरण नियमित रूप से नहीं किया जा रहा था। यह जांच शिकायतों के आधार पर की गई थी, जिसमें इन शिकायतों को सही पाया गया। इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) श्रवण कुमार गुप्ता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी किया और ग्राम प्रधानों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र भेजा है।

हर सोमवार छात्रों को मौसमी फल और बुधवार को दूध वितरण का निर्देश है 
मध्यान्ह भोजन योजना के तहत, हर सोमवार को छात्रों को मौसमी फल और बुधवार को दूध वितरण का निर्देश दिया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय प्रबंध समिति को परिवर्तन लागत के साथ भुगतान भी किया जाता है। लेकिन, जांच में यह सामने आया कि कई विद्यालयों में इस योजना के तहत मिलने वाले दूध और फल का वितरण नहीं किया जा रहा था, जिससे बच्चों को उनके अधिकार से वंचित किया गया।

बीएसए ने कहा- दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी 
बीएसए गुप्ता ने कहा कि दोषी ग्राम प्रधानों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो। जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजे गए पत्र में ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी तय करने और उचित कार्रवाई की मांग की गई है। इस मामले ने जिले के शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है और इससे यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी अब इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को उनके अधिकार के अनुसार पौष्टिक भोजन और आवश्यक पोषण सामग्री मिले, जिससे उनका समग्र विकास हो सके। 

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