Maharajganj News : लक्ष्मीपुर के जंगल में तेंदुए की मौत, सवालों के घेरे में वन विभाग, जानें कैसे हुई घटना

UPT | लक्ष्मीपुर के जंगल में तेंदुए की मौत।

Jul 09, 2024 14:09

खबर यूपी के महराजगंज से है, जहां सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के लक्ष्मीपुर रेंज के सतासी घाट के निकट संदिग्ध परिस्थिति में एक तेंदुआ मृत मिला। करीब आठ साल के नर तेंदुए की गर्दन, पीठ और पैरों...

Maharajganj News : खबर यूपी के महराजगंज से है, जहां सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के लक्ष्मीपुर रेंज के सतासी घाट के निकट संदिग्ध परिस्थिति में एक तेंदुआ मृत मिला। करीब आठ साल के नर तेंदुए की गर्दन, पीठ और पैरों में छह जगह पुराने जख्म मिले हैं। गोरखपुर चिड़ियाघर में मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के चलते संक्रमण फैलने से तेंदुए की मौत होना बताया गया है। 15 दिन के अंदर लक्ष्मीपुर रेंज में दो तेंदुओं की मृत्यु से वन्य जीवों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।

जब दहशतजदा हो गए ग्रामीण
मंगलगवार की सुबह जंगल की तरफ गए ग्रामीणों ने अचलगढ़ बीट में सतासी घाट के पास एक तेंदुए को भूमि पर लेटा देखा तो भयभीत हो गए। काफी देर तक जब तेंदुए ने कोई हरकत नहीं की तो ग्रामीण उसके समीप पहुंच गए। तेंदुआ मृत पड़ा था। सूचना पर लक्ष्मीपुर के वन क्षेत्राधिकारी वेद प्रकाश शर्मा टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मृत तेंदुए को कब्जे में ले लिया। डीएफओ आरसी मलिक ने घटनास्थल का निरीक्षण कर ग्रामीणों से बात की। डीएफओ ने बताया कि तेंदुए की मृत्यु प्रथमदृष्टया जंगली जानवरों के आपसी भिड़ंत के चलते प्रतीत हो रही है। स्थानीय ग्रामीणों से वार्ता कर उसके मृत्यु का कारण पता करने का प्रयास किया जा रहा है।

संक्रमण से हुई तेंदुए की मौत
गोरखपुर चिड़ियाघर के चिकित्सक डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि चोट के चलते तेंदुए के पूरे शरीर में संक्रमण फैल गया था। उसका पेट भी पूरी तरह से खाली था। शरीर में संक्रमण फैलने से ही उसकी मृत्यु हुई है। उसके सभी अंग सुरक्षित हैं। चिड़ियाघर परिसर में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

सवालों के घेरे में वन विभाग
लक्ष्मीपुर वन क्षेत्र में तेंदुओं की मृत्य का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अचलगढ़ बीट में तेंदुओं की मृत्यु ने एक बार फिर वन विभाग की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। आठ वर्ष पहले टेढ़ी डाक बगले के पीछे झाड़ी में एक तेंदुआ मृत पाया गया था। इस घटना के एक वर्ष बाद कांधपुर दर्रा के निकट जंगल में तेंदुए की संदिग्ध परिस्थिति मौत हुई थी। तीसरी घटना चैनपुर गांव के दक्षिण खेत में रेस्क्यू के दौरान तेंदुए की हालत खराब हो गई और इलाज के लिए ले जाते समय उसकी मृत्यु हो गई थी। चौथी घटना कजरी के पास जंगल में हुई। यहां संदिग्ध परिस्थिति में तेंदुए की मौत हुई थी। इसी क्रम में रोहिन नदी के तट पर शिकारियों के फंदे में फंसने के कारण रेस्क्यू के बाद लखनऊ से एक्सपर्ट बुलाए गए। तेंदुए के गले से तार का फंदा काटकर निकाला गया। तीसरे दिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

जून में भी मृत मिला था तेंदुआ  
इसी वर्ष 24 जून को टेढ़ी वन चौकी के बगल में घायल अवस्था में मिले तेंदुए की कुछ समय में मृत्यु हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके रीढ़ की हड्डी पर गहरे चोट से मृत्यु का होना पाया गया था, लेकिन वह चोट कैसे लगी थी, इसकी जानकारी आज तक नहीं हुई। इधर, सतासी घाट के पास मृत मिले तेंदुए ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

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