छात्रों ने बनाई सुरक्षात्मक 'रुद्राक्ष राखी': भाई की कलाई पर बांधते ही सक्रिय हो जाता है सैटेलाइट रेडियो सिग्नल

UPT | 'रुद्राक्ष राखी' बनातीं छात्राएं।

Aug 18, 2024 19:35

गोरखपुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा के छात्रों बनाई है रुद्राक्ष राखी ,जो इमरजेंसी में करेगा मदद।

Gorakhpur News : गोरखपुर से एक अनोखी और प्रेरणादायक खबर सामने आई है, जहां इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम), गीडा की बीसीए द्वितीय वर्ष की छात्राओं ने रक्षाबंधन के अवसर पर एक अत्याधुनिक और सुरक्षा प्रदान करने वाली 'रुद्राक्ष राखी' का निर्माण किया है। इस राखी को खासतौर पर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाने तथा संकट के समय भाइयों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है।

राखी में एक सैटेलाइट रेडियो सिग्नल चिप लगाया गया है
रुद्राक्ष राखी का निर्माण श्रेया मिश्रा,अंकिता राय, किरन यादव और अंशिका तिवारी ने किया है। इस राखी में एक सैटेलाइट रेडियो सिग्नल चिप लगाया गया है,जो भाई की कलाई पर बांधते ही सक्रिय हो जाता है और संकट की स्थिति में बिना मोबाइल फोन के इमरजेंसी नंबरों पर संपर्क स्थापित कर लोकेशन भेज सकता है। अंकिता राय ने इस राखी को 'रुद्राक्ष राखी'नाम देने के पीछे की सोच को बताते हुए कहा कि यह राखी न केवल भाई की कलाई की शोभा बढ़ाती है, बल्कि संकट के समय उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखती है।

दुर्घटना की स्थिति में तुरंत इमरजेंसी सेवाओं को अलर्ट कर सकती है 
श्रेया मिश्रा ने बताया कि भारत में हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। इनमें से अधिकतर मौतें समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण होती हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए 'रुद्राक्ष राखी'का निर्माण किया गया है,जो दुर्घटना की स्थिति में तुरंत इमरजेंसी सेवाओं को अलर्ट कर सकती है। इस राखी में लगे दो मोबाइल नंबर सेट करने की सुविधा दी गई है, जिससे दुर्घटना या किसी आपातकालीन स्थिति में इसमें लगे बटन को दबाकर संबंधित नंबरों पर सूचना भेजी जा सकती है।

राखी में दो सेंसर लगाए गए हैं 
किरन यादव ने बताया कि इस राखी में दो सेंसर लगाए गए हैं, जो किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में सक्रिय हो जाते हैं और सूचना भेजने का काम करते हैं। अंशिका तिवारी ने बताया कि 'रुद्राक्ष राखी'की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे एक बार चार्ज करने पर यह 5 से 6 महीने तक चल सकती है। इस राखी को बनाने में लगभग दो हजार रुपये का खर्च आया और इसे तैयार करने में दो सप्ताह का समय लगा।

आईटीएम के निदेशक ने छात्राओं की इस अनूठी पहल की सराहना की
इस राखी के निर्माण में रेडियो सिग्नल चिप, कॉइन सेल 3 वोल्ट, ऑटोमैटिक सेंसर स्विच, सिग्नल रिसीवर आदि उपकरणों का उपयोग किया गया है। आईटीएम के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने छात्राओं की इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान के इन्नोवेशन सेल में छात्र-छात्राएं लगातार देश और समाज हित में नए-नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। इस बार छात्राओं ने रक्षाबंधन को ध्यान में रखते हुए भाइयों की सुरक्षा के लिए एक विशेष 'रुद्राक्ष राखी' तैयार की है, जो वास्तव में एक प्रशंसनीय प्रयास है। इस मौके पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल और सभी शिक्षकों ने छात्राओं को इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी और उनके प्रयास की सराहना की। 

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