गोरखपुर विश्वविद्यालय पहुंचे सीएम योगी : सुनाया आदि शंकराचार्य का किस्सा, दिव्यांगजन कैंटीन का किया उद्घाटन

UPT | गोरखपुर विश्वविद्यालय पहुंचे सीएम योगी

Sep 14, 2024 17:12

शनिवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ‘समरस समाज के निर्माण में नाथपंथ का योगदान’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को सीएम योगी ने संबोधित किया।

Short Highlights
  • गोरखपुर विश्वविद्यालय पहुंचे सीएम योगी
  • सुनाया आदि शंकराचार्य का किस्सा
  • दिव्यांगजन कैंटीन का किया उद्घाटन
Gorakhpur News : शनिवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ‘समरस समाज के निर्माण में नाथपंथ का योगदान’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने देश के चारों कोनों में आध्यात्मिक पीठों की स्थापना की और काशी में भगवान विश्वनाथ द्वारा ली गई परीक्षा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जब आदि शंकर ने गंगा स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त में प्रस्थान किया, तब भगवान विश्वनाथ एक अछूत के रूप में उनके सामने आए। भगवान विश्वनाथ ने उनसे पूछा कि अगर आप अद्वैत ज्ञान में पूर्ण हैं, तो आपको केवल भौतिक काया नहीं देखनी चाहिए, बल्कि यह समझना चाहिए कि मुझमें भी वही ब्रह्म है जो आपमें है। जब आदि शंकर ने अछूत के रूप में भगवान का परिचय पूछा, तो उन्होंने बताया कि वे वही हैं, जिनकी साधना के लिए आदि शंकर काशी आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज ज्ञानवापी को मस्जिद कहा जाता है।

संतों की परंपरा का किया जिक्र
मुख्यमंत्री ने भारतीय ऋषियों और संतों की परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह परंपरा समाज को जोड़ने वाली रही है। संत-ऋषियों ने सदैव समतामूलक और समरस समाज को महत्व दिया और अस्पृश्यता को दूर करने पर जोर दिया। नाथपंथ ने हर जाति, मत, मजहब, और क्षेत्र को सम्मान दिया और समाज के हर तबके को जोड़ने का प्रयास किया।

नाथपंथ के महत्व पर की बात
मुख्यमंत्री ने नाथपंथ की सामाजिक समरसता में महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र किया और बताया कि नाथपंथ की परंपरा केवल देश के हर कोने में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी मौजूद है। उन्होंने नाथपंथ से जुड़ी पांडुलिपियों और परंपराओं का उल्लेख किया और गोरखपुर विश्वविद्यालय के महायोगी गुरु गोरखनाथ शोधपीठ से इन चिह्नों के संरक्षण और संग्रहण की आवश्यकता पर बल दिया।

हिंदी दिवस की दी बधाई
मुख्यमंत्री ने हिंदी दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि हिंदी देश को जोड़ने की व्यावहारिक भाषा है और इसका मूल देववाणी संस्कृत है। उन्होंने भारतीय संतों के साहित्य में सामाजिक समरसता के विचारों का उल्लेख किया और नाथपंथ की परंपरा को सामाजिक समरसता का प्रेरणास्त्रोत बताया।

दिव्यांगजन कैंटीन का किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में 'नाथपंथ का इतिहास' और 'नाथपंथ की प्रवेशिका' जैसी पुस्तकों का विमोचन किया। साथ ही, उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में दिव्यांगजन कैंटीन का उद्घाटन भी किया, जिसका संचालन दिव्यांगजन द्वारा किया जाएगा।

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