ज्ञानवापी पर सीएम योगी का बड़ा बयान : बोले- 'लोग मस्जिद कहते हैं, लेकिन वह साक्षात विश्वनाथ'

UPT | ज्ञानवापी पर सीएम योगी का बड़ा बयान

Sep 14, 2024 13:22

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बयान दिया है। शनिवार को गोरखपुर में आयोजित एक संगोष्ठी में सीएम योगी ने कहा कि ज्ञानवापी को आजकल मस्जिद के रूप में जाना जाता है

Short Highlights
  • ज्ञानवापी पर सीएम योगी का बड़ा बयान
  • ज्ञानवापी को बताया साक्षात विश्वनाथ
  • आदि शंकराचार्य का भी किया जिक्र
Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बयान दिया है। शनिवार को गोरखपुर में आयोजित एक संगोष्ठी में सीएम योगी ने कहा कि ज्ञानवापी को आजकल मस्जिद के रूप में जाना जाता है, लेकिन यह वास्तव में साक्षात भगवान विश्वनाथ हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि आदिशंकराचार्य के समय में भी ज्ञानवापी की पवित्रता को मान्यता दी गई थी। उनका बयान हाल के वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद आया है, जिसमें मुस्लिम पक्ष द्वारा उठाए गए आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए तहखाने की मरम्मत पर रोक लगा दी गई थी।

ज्ञानवापी को लेकर दिया बयान
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर विवाद को लेकर सीएम योगी ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह मस्जिद नहीं बल्कि साक्षात भगवान विश्वनाथ का स्वरूप है। उन्होंने इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की कि आज भी कुछ लोग इसे मस्जिद के रूप में देख रहे हैं।  सीएम योगी ने कहा कि ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं, लेकिन असल में ज्ञानवापी साक्षात ‘विश्वनाथ’ ही हैं। उन्होंने अपने बयान में आदि शंकराचार्य का भी जिक्र किया।
 
आदि शंकराचार्य का जिक्र
सीएम योगी ने अपने बयान में उल्लेख किया कि आदिशंकराचार्य ने ज्ञानवापी में भगवान विश्वनाथ से मिलने के दौरान भौतिक अस्पृश्यता को चुनौती दी थी। उन्होंने एक चंडाल के रूप में प्रकट हो कर आदि शंकराचार्य से सवाल किया था कि उनका ज्ञान भौतिक काया को देख रहा है या ब्रह्म को। इस घटना के माध्यम से उन्होंने यह साबित किया कि ब्रह्म सर्वव्यापी है और किसी भी भौतिक भेदभाव से परे है। इस घटना के बाद आदि शंकराचार्य ने ज्ञानवापी की पवित्रता को स्वीकार किया था और भगवान विश्वनाथ के प्रति श्रद्धा व्यक्त की थी।

हिंदी भाषा पर केंद्र की तारीफ
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में हिंदी भाषा की भी सराहना की और इसे देश की एकता का माध्यम बताया। उन्होंने हिंदी को एक व्यवहारिक भाषा के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे बड़ी आबादी समझती है। सीएम योगी ने कहा कि हिंदी का मूल संस्कृत से जुड़ा है और सभी भाषाओं की जड़ें संस्कृत में मिलती हैं। उन्होंने मोदी सरकार की हिंदी को प्रमोट करने की नीति की भी तारीफ की और कहा कि इसके परिणामस्वरूप आज मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम भी हिंदी में उपलब्ध हैं।

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