Kanpur News : बिठूर इलाके में घुसा मगरमच्छ, ग्रामीणों ने रस्सी से बांधा, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

UPT | ग्रामीणों ने रस्सी से बांधा

Sep 16, 2024 00:08

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिठूर इलाके में उस समय हड़कंप मच गया जब एक गाँव के अंदर मगरमच्छ देखा गया। यह घटना सुबह की है, जब गांव के लोग अपने दैनिक कार्यों के लिए घर से बाहर निकले तो उन्हें एक बड़ा मगरमच्छ गांव की गलियों में घूमता हुआ दिखा।

Kanpur News : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिठूर इलाके में उस समय हड़कंप मच गया जब एक गाँव के अंदर मगरमच्छ देखा गया। यह घटना सुबह की है, जब गांव के लोग अपने दैनिक कार्यों के लिए घर से बाहर निकले तो उन्हें एक बड़ा मगरमच्छ गांव की गलियों में घूमता हुआ दिखा। मगरमच्छ को देखते ही ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई और सभी लोग इधर-उधर भागने लगे। हालात को देखते हुए कुछ साहसी ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाई और लाठी-डंडों से मगरमच्छ को काबू करने की कोशिश की। 

मगरमच्छ को बांधा तरह रस्सी से
ग्रामीणों ने मगरमच्छ को किसी तरह रस्सी से बांध दिया, लेकिन उसका मुंह नहीं बांध पाए। इसके बाद तत्काल पुलिस और वन विभाग को सूचना दी गई। वन विभाग की टीम को पहुंचने में लगभग 6 घंटे का समय लग गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को मगरमच्छ के पास से हटाया और स्थिति को नियंत्रित किया। वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को कब्जे में लिया और उसे सुरक्षित तरीके से गांव से बाहर ले गई।

गंगा किनारे के गांव में मगरमच्छ का खतरा
यह घटना कानपुर के बिठूर के मैनावती मार्ग के पास स्थित संभलपुर गांव की है। गांव के प्रधान दीपक ने बताया कि सुबह ग्रामीणों ने जब अपने घरों से बाहर कदम रखा, तो उन्होंने गांव के अंदर मगरमच्छ को देखा, जिससे गांव में हड़कंप मच गया। सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गए और स्थिति को देखते हुए कुछ ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए मगरमच्छ को नियंत्रित किया। हालांकि, उसका मुंह नहीं बांध पाने के कारण स्थिति खतरनाक बनी रही। गांव प्रधान ने बताया कि यह गांव गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है और इस समय गंगा अपने उफान पर है। इसके चलते अक्सर जलीय जीव-जंतु, खासकर मगरमच्छ और सांप, गांवों में घुस आते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब गांव में मगरमच्छ देखा गया हो। इससे पहले भी कई बार ऐसे जलीय जीव गांव में देखे जा चुके हैं। 

वन विभाग की प्रतिक्रिया
मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ का रेस्क्यू किया और उसे अपने कब्जे में लेकर गंगा नदी में छोड़ने की बात कही। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि गंगा नदी मगरमच्छ का प्राकृतिक आवास है, और बाढ़ या पानी के स्तर में बढ़ोतरी होने के कारण मगरमच्छ अक्सर गांवों की ओर निकल आते हैं। ऐसे में विभाग का प्रयास होता है कि मगरमच्छ को सुरक्षित तरीके से पकड़कर दोबारा गंगा में छोड़ दिया जाए।

ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी और बताया कि अगर दोबारा कोई ऐसी घटना होती है, तो तुरंत विभाग को सूचित किया जाए ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके। ग्रामीणों ने वन विभाग से आग्रह किया है कि बाढ़ के मौसम में गांव के आसपास अधिक सतर्कता बरती जाए ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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