बलवंत हत्याकांड : कोर्ट ने सुनाई तत्कालीन थाना प्रभारी व चौकी इंचार्ज को पांच-पांच साल की सजा, पुलिस कस्टडी में हुई थी मौत

UPT | बलवंत फाइल फोटो

Oct 25, 2024 21:01

कानपुर देहात के चर्चित बलवंत हत्याकांड मामले में कोर्ट ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम की कोर्ट ने तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह और तत्कालीन मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडे को दोषी करार देते हुए, 5 साल की सजा सुनाई है।

Short Highlights
  • बलवंत सिंह के परिवार को मिला न्याय, आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई पांच-पांच साल की सजा
  • बलवंत हत्याकांड में सात नामजद पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था
  • पुलिस हिरासत में बलवंत की भीषण ठंड के मौसम में इतनी पिटाई की गई थी कि उसकी खाल तक उधड़ गई थी
Kanpur Dehat News : यूपी के कानपुर देहात में बलवंत सिंह की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी। उनके शरीर पर पिटाई की वजह से चोटों के निशान थे। बलवंत हत्या कांड में जमकर राजनीति हुई थी। बलवंत की मौत के मामले में अपर सत्र न्यायालय पंचम शनिवार को शिवली के तत्कालीन थाना प्रभारी राजेश सिंह व मैथा चौकी इंचार्ज रहे ज्ञान प्रकाश पांडे को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूनम सिंह की कोर्ट ने दोनों पर 10-10 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है।

कानपुर देहात के सरैया लालपुर गांव निवासी बलवंत सिंह के चाचा चंद्रभान सिंह के साथ शिवली में 4 लाख रूपए की लूट हुई थी। पुलिस और एसओजी की टीम ने 12 दिसंबर 2022 को बलवंत सिंह को मैथा मार्ग से पकड़ लिया, और रनिया थाने ले गए। आरोप था कि पुलिस की पिटाई से बलवंत की मौत हो गई। बलवंत के सिर से लेकर पांव तक चोटों के निशान थे। इस घटना के बाद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।

पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था 
पुलिस ने तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम समेत सात नामजद और अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह, चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडे को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम पूनम सिंह की अदालत ने तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी और मैथा चौकी इंचार्ज को दोषी करार दिया था।

सजा को लेकर दोनों पक्षों के वकीलों में हुई बहस 
कोर्ट ने तत्कालीन एसओजी प्रभारी समेत छह लोगों को दोष मुक्त कर दिया था। गुरुवार को दोनों पक्षों के वकीलों के बीच सजा को लेकर बहस हुई। डीजीसी राजू पोरवाल और बचाव पक्ष के अधिवक्ता जितेंद्र चौहान ने बताया कि तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी और मैथा चौकी इंचार्ज रहे ज्ञान प्रकाश पांडे को पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने धारा 304 भाग दो के तहत दोषी करार पाया है।

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