​​​​​​​Kanpur News : अब गंगा नदी होगी प्लास्टिक मुक्त, जर्मनी का एमआरएफ प्लांट ऑटोमेटिक अलग करेगा पानी से कचरा

UPT | प्लास्टिक मुक्त होगी गंगा नदी

Feb 04, 2024 18:14

गंगा नदी सफाई को लेकर सरकार सजग है, जिसके चलते सरकार ने गंगा नदी की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए जर्मनी से हाथ मिलाकर गंगा की सफाई पर करार किया है।

Kanpur News : गंगा में लगातार फ़ैल रही गंदगी सरकार के लिए चुनौती और विपक्ष के लिए सियासी मुद्दा बना हुआ है। ज़माने से अनगिनत प्रयास किये गए गंगा की सफाई के लिए और कई अहम फेस और कदम उठाए गए। हालाँकि कोई भी तोड़ काम नहीं आया। लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने गंगा सफाई की जिम्मेदारी जर्मनी को सौंप दी है जिसके बाद उम्मीदें बढ़ती नजर आ रही हैं। अब जर्मनी अपनी तकनीक से गंगा को प्रदूषण से बचाएगा। 

दो महीने में गंगा सफाई का कार्य पूरा हो सकता है
गंगा नदी सफाई को लेकर सरकार सजग है, जिसके चलते सरकार ने गंगा नदी की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए जर्मनी से हाथ मिलाकर गंगा की सफाई पर करार किया है। बताया जा रहा है, कानपुर में पनकी स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट में जर्मनी सरकार के सहयोग से मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट लगवाया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक इसकी शुरुआत नगर निगम द्वारा की जा चुकी है और करीब दो महीने में यह कार्य पूरा हो सकता है। इस ऑटोमैटिक प्लांट में पनकी सहित आसपास के चार वार्डों के कूड़े से गीला कूड़ा, प्लास्टिक, मलबा आदि अलग-अलग हो सकेगा। वहीं जर्मनी से आई इंडो जर्मन प्रोजेक्ट की टीम ने कानपुर की महापौर और नगर आयुक्त से मुलाकात की। जर्मनी से आए टीम के मुखिया क्रिस्टीन ने मुलाकात कर इस प्रोजेक्ट पर अपनी राय रखी और जल्द ही प्रोजेक्ट को शुरू करने की बात भी कही है। वहीं महापौर ने सिविल वर्क को 50 प्रतिशत पूरा होने की बात भी कही है। जिसके बाद जर्मनी की टीम विशेष मशीनरी के साथ एमआरएफ प्लान को कानपुर में लगाएगी।

हरी झंडी मिलते ही काम शुरू 
मिली जानकारी के मुताबिक, हरी झंडी मिलते ही जर्मनी की टीम को जानकारी दी जाएगी। जिसके बाद वहां से विशेष मशीनों को भेजा जाएगा, और वहां की टीम यहां उस पर कार्य करेगी। जिसके बाद शहर के तीन हिस्सों में मलबा, गीला कचड़ा, प्लास्टिक और मेटल को अगल अलग किया जायेगा, साथ ही जर्मनी के एमआरएफ प्लांट यानी मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट के जरिए ऑटोमेटिक पानी से कचरा अलग हो जाएगा और गंगा में नहीं पहुंचेगा। 

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