Bada Mangal : लखनऊ के मंदिरों में बुढ़वा मंगल पर भक्तों की भारी भीड़, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

UPT | अलीगंज का हनुमान मंदिर

Jun 11, 2024 12:43

ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगल पर हनुमान मंदिरों के बाहर भक्तों की भारी भीड़ जुटी है। सोमवार आधी रात से ही भक्त भगवान के दर्शन कर रहे हैं। शहर के सभी हनुमान मंदिरों को सजाया गया है। भीड़ के...

Lucknow News : ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगल पर हनुमान मंदिरों के बाहर भक्तों की भारी भीड़ जुटी है। सोमवार आधी रात से ही भक्त भगवान के दर्शन कर रहे हैं। शहर के सभी हनुमान मंदिरों को सजाया गया है। भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।  
मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़ 
लखनऊ के सभी हनुमान मंदिरों में रात 12 बजे से ही भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है। बड़ा मंगल को लेकर लोग काफी उत्साहित हैं। दो-तीन घंटे लाइन में लगने के बाद लोग हनुमान जी के दर्शन कर पा रहे हैं। भीषण गर्मी को देखते हुए भक्तों की सुविधा के लिए जगह-जगह प्याऊ लगाए गए हैं। मंदिरों के बाहर टेंट लगाए गए हैं, ताकि लोगों को कतार में खड़े होने में कोई दिक्कत न हो। भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर और आसपास सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है। सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। हर तरफ जय जय बजरंग बली के जयकारे गूंज रहे हैं। मंदिरों में भक्त हनुमान जी को फूलों से तो कोई सोने-चांदी से सजा रहा है। भक्त हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं। मंदिरों में हवन हो रहे हैं। 

जगह-जगह भंडारे
शहर में कई जगह भंडारे का आयोजन किया गया है। अलीगंज के हनुमान मंदिर, डंडइया मंदिर, हनुमान सेतु मंदिर, इंदिरा नगर के भूतनाथ मंदिर, अमीनाबाद के हनुमान मंदिर, छाछी कुआं मंदिर सहित सभी छोटे-बड़े मंदिरों के बाहर भक्तों के लिए भंडारे लगाए गए हैं। 

बुढ़वा मंगल का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार को भगवान श्रीराम और हनुमान जी का मिलन हुआ था। इसलिए ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है। इस दिन बजरंग बली की विशेष पूजा और व्रत करने का विधान है।

बड़ा मंगल को क्यों कहते हैं बुढ़वा मंगल
ज्येष्ठ माह में हनुमान जी की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान राम माता सीता की खोज में वन में भटक रहे थे, तब उनकी मुलाकात हनुमान जी से हुई। उस दिन ज्येष्ठ माह का मंगलवार था, इसलिए ज्येष्ठ के प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी ने रावण का घमंड चूर करने के लिए एक बूढ़े बंदर का रूप धारण किया था, इसलिए बजरंग बली की पूजा एक बूढ़े बंदर के रूप में की जाती है और इसे बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है।

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