नल से जल अभियान : यूपी में एईएस-जेई इंसेफेलाइटिस बीमारियों पर लगी लगाम, जिलों में मौत के आंकड़े हुए शून्य

UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 17, 2024 19:20

इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण में एक प्रमुख भूमिका 'जल क्रांति' की रही है। सरकार ने हर घर नल से जल योजना के तहत स्वच्छ पानी की पहुंच सुनिश्चित की। जल जीवन मिशन के अनुसार, प्रभावित जिलों में 85 प्रतिशत से 92 प्रतिशत घरों में नल से पानी पहुंचाया जा चुका है।

Lucknow News : जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पूर्वांचल में बच्चों की मौतों ने एक समय पूरे देश को झकझोर दिया था। 2005 में ही 6 हजार से ज्यादा बच्चे इस बीमारी की चपेट में आए, जिनमें से एक हजार चार सौ से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी।

सरकार के प्रयासों से मिली सफलता    
प्रदेश में 2017 तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 50 हजार के पार चली गई थी, और इसका केंद्र गोरखपुर मंडल रहा। उस समय गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ थे। जब 2017 में योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तब इंसेफेलाइटिस के खिलाफ लड़ाई को सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल किया गया। तब सरकार ने इसे समाप्त करने का संकल्प लिया और उनकी कोशिशों से बड़ी सफलता हासिल हुई है। पिछले दो वर्षों में केवल बहराइच और कुशीनगर में एक-एक मौत दर्ज हुई है, जबकि अन्य जिलों में जेई से कोई मृत्यु नहीं हुई। एईएस के मामलों में भी 99 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है।



जल क्रांति ने दी बीमारी को मात
इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण में एक प्रमुख भूमिका 'जल क्रांति' की रही है। सरकार ने हर घर नल से जल योजना के तहत स्वच्छ पानी की पहुंच सुनिश्चित की। जल जीवन मिशन के अनुसार, प्रभावित जिलों में 85 प्रतिशत से 92 प्रतिशत घरों में नल से पानी पहुंचाया जा चुका है। स्वच्छ पानी की उपलब्धता ने न केवल संक्रमण की संभावनाओं को कम किया है, बल्कि लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत किया है।

स्वास्थ्य विभाग के समन्वित प्रयासों से नियंत्रण
1978 में उत्तर प्रदेश में जेई का पहला मामला दर्ज हुआ था, और शुरुआती सालों में इससे मरने वालों की दर बहुत अधिक थी। मच्छरों से फैलने वाली इस बीमारी के खिलाफ योगी सरकार ने सफाई, शुद्ध पेयजल और टीकाकरण को प्राथमिकता दी। इन प्रयासों ने बीमारी पर नियंत्रण करने में अहम भूमिका निभाई है।

सौ प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य
नमामि गंगे परियोजना के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि साफ पानी की उपलब्धता से जलजनित बीमारियों में भारी कमी आई है। जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों के सौ प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा, जिससे इन बीमारियों पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सकेगा।

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