लखनऊ में कैब चालकों का विरोध : 25 अक्टूबर से इन मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

UPT | कैब चालक अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते

Oct 22, 2024 16:27

प्रदर्शन में शामिल चालकों ने बताया कि प्राइवेट कंपनियों से राइड की दरें बढ़ाए जाने को लेकर काफी समय से मांग की जा रही है। लेकिन, इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में महंगाई की मार झेल रहे चालकों का घर चलाना मुश्किल हो गया है। चालकों की उचित भुगतान की मांग पूरी होने के बाद ही हम इनके एप के जरिए फिर से अपनी सेवाएं देंगे।

Lucknow News : हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के पास मंगलवर को ओला, उबर, रैपीडो और इन-ड्राइवर जैसी प्राइवेट कैब सेवाओं के चालकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल कैब चालकों ने  तीन कंपनियों के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए चालकों के शोषण का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।

चालकों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शन में शामिल चालकों ने बताया कि प्राइवेट कंपनियों से राइड की दरें बढ़ाए जाने को लेकर काफी समय से मांग की जा रही है। लेकिन, इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में महंगाई की मार झेल रहे चालकों का घर चलाना मुश्किल हो गया है। चालकों की उचित भुगतान की मांग पूरी होने के बाद ही हम इनके एप के जरिए फिर से अपनी सेवाएं देंगे। चालकों ने आरोप लगाया कि कैब कंपनियां यात्रियों से अधिक रुपये वसूलती हैं, जबकि इसके एवज में चालकों को बहुत कम भुगतान किया जाता है। चालकों का परिवार सड़क पर आ गया है। कंपनी की वादाखिलाफी के कारण चालक कर्ज में डूब चुके हैं। अब उनके लिए इस स्थिति में काम करना संभव नहीं है।



कंपनियां चालकों से लिए जाने वाले कमीशन में करें कमी 
कैब चालकों ने बताया कि उन्होंने कंपनी के वादों पर भरोसा करके भारी कर्ज लेकर गाड़ियां खरीदीं। लेकिन, अब वह कर्ज चुकाने में असमर्थ हो रहे हैं। कैब कंपनियों की मनमानी के कारण चालकों की स्थिति दयनीय हो गई है। कंपनियां कभी भी चालकों को ऑफ-रोड कर देती हैं, जिससे उनका काम ठप हो जाता है और आय का कोई स्रोत नहीं बचता। कैब चालकों का कहना है कि कंपनियां उनसे 30 से 35 प्रतिशत तक कमीशन लेती हैं, जिसे घटाकर 15 प्रतिशत करने की मांग की जा रही है। इसके साथ ही प्रति किलोमीटर दर तय करने और चालकों को बीमा की सुविधा प्रदान करने की भी मांग की गई है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को चाहिए कि वे हमें सही दाम दें ताकि हम भी अपने परिवार का सही तरीके से पालन-पोषण कर सकें।

ओला कंपनी को एक महीने का वक्त
प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो 25 अक्टूबर से लगभग 2000 कैब चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इस हड़ताल में रैपीडो, इन-ड्राइवर और उबर सेवाओं का विरोध किया जाएगा। फिलहाल, ओला को एक महीने का समय दिया गया है। अगर इतने समय में ओला कंपनी ने उनकी मांगों को नहीं माना तो उसके खिलाफ भी विरोध और बहिष्कार किया जाएगा।

आर-पार की लड़ाई का बना चुके हैं मन
कैब चालकों ने कहा कि इस बार अपनी मांगों को लेकर वह आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं। कैब कंपनियों के शोषण से तंग आकर उन्होंने हड़ताल का ऐलान किया है। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं तो वे मजबूरन इस विरोध को और तेज करेंगे। आने वाले दिनों में इस हड़ताल का लखनऊ की यातायात व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है।

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