Vigilance Raid : निर्माण निगम के अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के ठिकानों पर छापेमारी, आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई

UPT | राजकीय निर्माण निगम के अधिकारी राजवीर सिंह के ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी

Oct 22, 2024 18:28

विजिलेंस की ये कार्रवाई वर्ष 2019 के प्रकरण से संबंधित बताई जा रही है। इस मामले में आय से अधिक संपत्ति के मामले में राजवीर सिंह पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर आए से अधिक संपत्ति को लेकर आरोप हैं। उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम में अपर परियोजना प्रबंधक हुए राजवीर सिंह ने करीब 1.78 करोड़ रुपए अर्जित किए। जबकि अपने भरण पोषण में उन्होंने 2.67 करोड़ रुपए खर्च कर डाले।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (UPRNN) के अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के विभिन्न ठिकानों पर विजिलेंस टीम ने मंगलवार को छापेमारी की है। यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई, जिसमें राजवीर सिंह के नोएडा स्थित आवास और कार्यालय समेत कई स्थानों पर एक साथ कार्रवाई की गई।

राजवीर सिंह के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
विजिलेंस की टीम ने नोएडा के सेक्टर 105 स्थित राजवीर सिंह के निजी आवास और सेक्टर 63 में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के कार्यालय सहित अन्य चार स्थानों पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए, जो राजवीर सिंह की आय और संपत्तियों के बीच असंगतियों को उजागर कर सकते हैं। उन पर अपनी कमाई हुई आय से करीब 90 लाख रुपये खर्च करने का आरोप है।



2019 से जुड़ा है मामला
विजिलेंस की ये कार्रवाई वर्ष 2019 के प्रकरण से संबंधित बताई जा रही है। इस मामले में आय से अधिक संपत्ति के मामले में राजवीर सिंह पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर आए से अधिक संपत्ति को लेकर आरोप हैं। उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम में अपर परियोजना प्रबंधक हुए राजवीर सिंह ने करीब 1.78 करोड़ रुपए अर्जित किए। जबकि अपने भरण पोषण में उन्होंने 2.67 करोड़ रुपए खर्च कर डाले। इस तरह आय से अधिक खर्च को लेकर राजवीर सिंह जांच एजेंसी के निशाने पर हैं। अभी तक की पड़ताल में वह अपनी संपत्ति को लेर पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दे पाए हैं। इसी को लेकर अब विजिलेंस टीम ने छापेमारी के दौरान दस्तावेज जुटाए। 

गड़बड़ी मिलने पर उठाए जाएंगे ठोस कदम
बताया जा रहा है कि अधिकारी जब्त किए गए दस्तावेजों और सबूतों का विश्लेषण करने में जुटे हैं। इनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर ठोस कदम उठाए जाएंगे। यह छापेमारी प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताई जा रही है। 

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