Government Jobs : मेडिकल कॉलेजों में 2500 शिक्षकों के पदों पर होगी भर्ती, जानें पूरी डिटेल

UPT | Direct recruitment of 2500 medical teachers

Jun 16, 2024 23:48

राजकीय मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे पदों की संख्या लगभग 2500 के आसपास है।

Short Highlights
  • प्रधानाचार्य वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से करेंगे चिकित्सा शिक्षकों की सीधी भर्ती 
  • एनएमसी ने मानक पूरे नहीं होने पर 42 से अधिक मेडिकल कॉलेजों पर लगाया जुर्माना 
Lucknow News : उत्तर प्रदेश में राजकीय मेडिकल कॉलेज में खाली पड़े चिकित्सा शिक्षकों के रिक्त पद अब जल्द भरे जाएंगे। राजकीय मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे पदों की संख्या लगभग 2500 के आसपास है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को नियुक्ति के लिए अधिकृत कर दिया गया है। कॉलेज के प्रधानाचार्य वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से इन पदों को भर सकते हैं।

प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने दिये आदेश 
महानिदेशालय की ओर से मेडिकल कॉलेज में खाली पदों को संविदा पर भरे जाने का अधिकार वहां के प्रधानाचार्य को दिए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, शासन ने इसे मंजूरी दे दी है और विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि छात्र हित एवं रोगी हित में तथा एनएमसी के मानकों की पूर्ति के लिए चिकित्सा शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए संविदा के आधार पर वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से चयन मामलों में नियुक्ति, युवा तैनाती तथा चयनित अभ्यर्थियों को तत्काल कार्यभार ग्रहण करने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को अधिकृत किया जाता है। 

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग लगाया जा चूका हैं जुर्माना 
चिकित्सा संस्थान और मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी एक बड़ा मुद्दा है। हाल ही में एनएमसी ने मानक पूरे नहीं होने वाले प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से करोड़ों रुपए का जुर्माना वसूला था। सभी प्रधानाचार्य को संविदा पर नियुक्ति संबंधी शासनादेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की निर्देश दिए गए हैं। यदि चिकित्सा शिक्षकों के चयन में कोई अनियमित मिलती है, तो इसके लिए संबंधित प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे। एनएमसी ने हाल ही में प्रदेश के 42 से अधिक मेडिकल कॉलेज पर जुर्माना लगाया था।

मरीजों के उपचार और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव 
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मानकों के हिसाब से प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षक नहीं हैं। चिकित्सा शिक्षकों के पद खाली हैं। इसका सीधा प्रभाव चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर पढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही डॉक्टरों की कमी के कारण रोगियों को उपचार भी नहीं मिल पा रहा। मगर, अब ऐसा नहीं होगा इसे लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के कड़े आदेश के बाद चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक हरकत में है। 

प्रधानाचार्य स्तर से ही नियुक्ति का रास्ता साफ 
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय के आदेशों के बाद अब प्रधानाचार्य स्तर से ही नियुक्ति के बाद तत्काल जॉइनिंग कराई जा सकेगी। वर्तमान में सविंदा नियुक्ति की प्रक्रिया काफी लंबी है, मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य की अध्यक्षता वाली कमेटी नियुक्ति करके महानिदेशालय को भेजती है, वहां से स्वीकृति के लिए प्रस्ताव प्रशासन को भेजा जाता है। इस प्रक्रिया में दो से तीन माह का समय लग लग जाने के कारण इस बीच इंटरव्यू देने वाले डॉक्टर को दूसरे विकल्प मिल जाते हैं, ऐसे में मंजूरी मिलने के बाद तमाम आवेदक जॉइनिंग ही नहीं करते थे, अब ऐसा नहीं होगा प्रधानाचार्य स्तर से ही नियुक्ति के बाद तत्काल जॉइनिंग हो सकेगी।
 

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