उत्तर प्रदेश बना कृषि निर्यात में देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य : एक साल में साढ़े तीन हजार करोड़ की अतिरिक्त वृद्धि, फल-सब्जियों का निर्यात सर्वाधिक

UPT | Yogi Adityanath

Jul 19, 2024 09:49

राज्य ने अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए और सुनियोजित प्रयासों के माध्यम से देश में पांचवें स्थान से छलांग लगाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। अब केवल...

Short Highlights
  • यूपी ने कृषि उत्पाद निर्यात क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है
  • राज्य ने देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है
  • निर्यात किए गए उत्पादों में फल और सब्जियां सबसे आगे रहे
Lucknow News : उत्तर प्रदेश ने कृषि उत्पादों के निर्यात के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। राज्य ने अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए और सुनियोजित प्रयासों के माध्यम से देश में पांचवें स्थान से छलांग लगाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। अब केवल महाराष्ट्र और गुजरात ही कृषि निर्यात में उत्तर प्रदेश से आगे हैं।

तीन हजार करोड़ से अधिक की वृद्धि
एग्रीकल्चर एंड प्रोसैस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष कृषि निर्यात में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि राज्य के निर्यात मूल्य में 18.62 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाती है।
 
फल और सब्जियों का निर्यात सबसे अधिक
निर्यात किए गए उत्पादों में फल और सब्जियां सबसे आगे रहे, जिनमें 475 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। इसके अलावा, गेहूं के निर्यात में 144.85 प्रतिशत, प्रसंस्कृत फलों में 44.45 प्रतिशत और फूलों के निर्यात में 37.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अन्य महत्वपूर्ण निर्यात वस्तुओं में प्रसंस्कृत मांस (35.62 फीसदी वृद्धि), बासमती चावल (33.63 फीसदी वृद्धि), आम (28.34 फीसदी वृद्धि) और भैंस का मांस (24.5 फीसदी वृद्धि) शामिल हैं।

इन शहरों से हुआ भारी निर्यात
उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से विश्व के कई देशों को कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया। वाराणसी से लंदन और यूरोप के अन्य देशों को ताजी सब्जियां और आम भेजे गए, जबकि दुबई और खाड़ी देशों को भी सीधे निर्यात शुरू किया गया। चंदौली से ऑस्ट्रेलिया को काला चावल, वाराणसी से कतर को चावल और मिर्जापुर से सेनेगल को चावल का निर्यात किया गया। इसके अलावा बलिया, भदोही, प्रयागराज, अयोध्या और लखनऊ से हरी मिर्च और ताजी सब्जियों का निर्यात किया गया। मेरठ, रामपुर, सहारनपुर और लखनऊ से आम भेजे गए, तो वहीं फर्रुखाबाद और आगरा से आलू का निर्यात हुआ। बागपत से शहद, कानपुर से मूंगफली, बिजनौर से गुड़ (खाड़ी देशों को) और हाथरस से न्यूजीलैंड को मक्खन का निर्यात किया गया। 

जेवर एयरपोर्ट चालू होने से मिलेगा लाभ
राज्य सरकार ने विदेशी बाजारों की मांग के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया है। इसके अलावा, नए विदेशी बाजारों की खोज ने भी निर्यात में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने भविष्य के लिए और भी उज्जवल संभावनाओं का संकेत दिया है, विशेष रूप से जेवर एयरपोर्ट के चालू होने के बाद, जो कृषि उत्पादों के निर्यात को और बढ़ावा देगा।

पिछले तीन वर्षों में बदली स्थिति 
उत्तर प्रदेश के कृषि निर्यात में पिछले तीन वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य का कृषि निर्यात 18,049.21 करोड़ रुपये था, जो 2022-23 में बढ़कर 18,991.43 करोड़ रुपये हो गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा और भी बढ़कर 22,528.56 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 18.6% की वृद्धि दर्शाता है।

देश के कृषि निर्यात में यूपी की स्थिति
देश के कृषि निर्यात में उत्तर प्रदेश की स्थिति भी सुधरी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में, उत्तर प्रदेश 18,991.43 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ पांचवें स्थान पर था। इस वर्ष गुजरात (67,899.09 करोड़), महाराष्ट्र (40,427.67 करोड़), आंध्र प्रदेश (22,761.98 करोड़) और पश्चिम बंगाल (19,445.70 करोड़) क्रमशः शीर्ष चार स्थानों पर थे।

हालांकि, वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश ने अपनी स्थिति में सुधार किया और तीसरे स्थान पर पहुंच गया, जिसका निर्यात मूल्य 22,528.38 करोड़ रुपये रहा। इस वर्ष गुजरात (58,654.51 करोड़) और महाराष्ट्र (41,519.97 करोड़) क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर रहे, जबकि हरियाणा (19,445.07 करोड़) और आंध्र प्रदेश (17,309.27 करोड़) चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। 

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