हरदोई मेडिकल कॉलेज में मोबाइल की रोशनी में इलाज : 4 घंटे बत्ती रही गुल, मरीज व तीमारदार होते रहे परेशान

UPT | मेडिकल कॉलेज में टोर्च की रोशनी में हो रहा इलाज

Sep 02, 2024 10:17

एलटी लाइन का बॉक्स जल जाने के कारण मेडिकल कॉलेज की आपूर्ति दो बार में चार घंटे तक बाधित रही। इस दौरान मोबाइल की रोशनी में मरीजों का उपचार किया गया। बिजली न आने से मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज और उनके तीमारदार परेशान हुए।

Short Highlights
  • एलटी लाइन का बॉक्स जल जाने से अंधेरे में पड़ा रहा मेडिकल कॉलेज 
  • डीएम के निरीक्षक और निर्देश के बाद भी नहीं सुधरा मेडिकल कॉलेज प्रशासन
Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई में स्वास्थ्य विभाग की बदहाल व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही वो भी तब जब स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम का ताल्लुक सीधे इस जनपद से है। बृजेश पाठक का गृह जनपद होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लापरवाही और हठधर्मी में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में 4 घंटे बिजली गुल रही, इस बीच टार्च की रोशनी में इंजेक्शन लगाया गया और बोतल चढ़ाई गई।

एलटी लाइन का बॉक्स जल जाने से अंधेरे में पड़ा रहा मेडिकल कॉलेज 
एलटी लाइन का बॉक्स जल जाने के कारण मेडिकल कॉलेज की आपूर्ति दो बार में चार घंटे तक बाधित रही। इस दौरान मोबाइल की रोशनी में मरीजों का उपचार किया गया। बिजली न आने से मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज और उनके तीमारदार परेशान हुए।

मेडिकल कॉलेज की आपूर्ति के लिए अलग से फीडर की है व्यवस्था
मेडिकल कॉलेज की आपूर्ति के लिए अलग फीडर है। इस फीडर में निर्बाध बिजली आपूर्ति के आदेश हैं। मरम्मत कार्य होने के कारण मेडिकल कॉलेज फीडर बंद रहा। इसके बाद फीडर की एलटी लाइन का बॉक्स जल गया। इससे मेडिकल कॉलेज में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई।

मोबाइल की रोशनी में किया गया इलाज
आपूर्ति बाधित होने के कारण मेडिकल कॉलेज में मोबाइल की रोशनी में मरीजों का उपचार किया गया। विद्युत विभाग के अवर अभियंता परमानंद यादव ने बताया कि एलटी लाइन के बॉक्स में खराबी आ जाने के कारण आपूर्ति बाधित हुई थी। इसे दुरुस्त करा दिया गया है।

डीएम के निर्देश के बाद भी नहीं सुधरा मेडिकल कॉलेज प्रशासन 
डीएम ने सुधार के दिए थे निर्देश अभी एक रोज पहले ही जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था, इस दौरान उन्होंने तमाम कमियां और खामियां पाई थी, इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सख्त हिदायत देते हुए जल्द से जल्द सुधार कराए जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन डीएम का निरीक्षण खत्म होने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन फिर से पुराने ढर्रे पर लौट चुका है।

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