यूपी एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता : फर्जी डिग्रियां बनवाकर मेडिकल में एडमिशन दिलवाने वाले गैंग का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार

UPT | पुलिस गिरफ्त में आरोपी

May 19, 2024 18:14

यूपी एसटीएफ को फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी कर देश-विदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के विभिन्न कोर्सों में...

Lucknow News (Arslan Samdi) : यूपी एसटीएफ को फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी कर देश-विदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के विभिन्न कोर्सों में दाखिला दिलाने वाले गैंग के 2 सदस्यों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता मिली है। इसी के साथ यह गैंग अवैध मेडिकल स्टोर और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने के नाम पर भी मोटी रकम वसूल करता है। गैंग के दोनो सदस्य लखनऊ के थाना गाजीपुर क्षेत्र से शनिवार दोपहर गिरफ्तार किए गए है। 

कूटरचित दर्जनों मार्कशीट बरामद
गिरफ्तार आरोपियों में देवरिया के लक्ष्मीनारायण मंदिर वार्ड निवासी सचिन मणि त्रिपाठी और लखनऊ के थाना गुडंबा का रहने वाला शिवानंद वर्मा है। इन शातिर जालसाजों के पास से 138 कूटरचित मार्कसीट, सर्टिफिकेट व डिग्रिया, 1 लैपटॉप, 3 मोबाईल फोन, 2 निर्वाचन कार्ड, 2 आधार कार्ड, 2 ड्राइविंग लाइसेंस, 4 पैन कार्ड, 3 डेबिट कार्ड, 1 कैंसिल्ड चेक, 2 कूटरचित अपॉइंटमेंट लेटर और पीला लिफाफा जिसमें 54 कूटरचित मार्कसीट, सर्टिफिकेट व डिग्री बरामद हुई है। एसटीएफ को इन जालसाजों के पास से 1 काले रंग की समार्ट वॉच, 1 क्रेटा कार और 22000 रुपए नकद भी मिले है।

लखनऊ से दबोचे गए शातिर जालसाज
एसटीएफ टीम ने इन्हे शनिवार को लखनऊ लेखराज मार्केट स्तिथ फार्मेसी काउंसिल के सामने से पकड़ा है। यूपी एसटीएफ के अनुसार, पिछले काफी समय से फर्जी डी-फार्मा, बी-फार्मा और एकेडमिक मार्कशीट व सर्टिफिकेट बनाकर धोखाधड़ी करने वाले गैंग की शिकायतें मिल रही थी। इन शिकायतों में देश-विदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के विभिन्न कोर्सों में दाखिला दिलाने के साथ अवैध मेडिकल स्टोर और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने के नाम पर भी मोटी रकम वसूल करने वाले गैंग के सक्रिय होने की सूचना थी।

बरेली में छुपा है मास्टरमाइंड
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनका गिरोह मेडिकल स्टोर और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने या डी-फार्मा, बी-फार्मा और एकेडमिक मार्कशीट, सर्टिफिकेट बनाकर धोखाधड़ी कर देश-विदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के विभिन्न कोर्सों में दाखिला दिलाने के नाम पर पैसा वसूलने का कार्य करता हैं। इस काम में पीसीआई के कुछ कर्मचारी सहित अन्य कई लोग भी शामिल है। हरिशंकर निवासी बरेली द्वारा बी-फार्मा व डी-फार्मा फर्जी मार्कशीट व सर्टिफिकेट बनवाकर पीसीआई के कर्मचारियों की मिलीभगत से उसका सत्यापन कराकर लाइसेंस बनवाया जाता है। इस काम के लिए जरूरतमन्द लोगो से इनके द्वारा पांच लाख रूपये लिया जाता है। जिसमें से चार लाख रूपये हरिशंकर लेता है। गिरफ्तार आरोपियों के विरूद्ध लखनऊ के थाना गाजीपुर में विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

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