हरदोई में नशे का कहर : नशीले इंजेक्शन का खुलेआम इस्तेमाल, नारकोटिक्स विभाग ने की छापेमारी, मेडिकल स्टोर सीज

UPT | मेडिकल स्टोर पर की गई छापेमारी

Aug 22, 2024 20:17

उत्तर प्रदेश के हरदोई में नारकोटिक्स के माध्यम से नशे के कारोबार में तेजी देखी जा रही है, जिससे कई लोगों की जिंदगी संकट में पड़ गई है...

Short Highlights
  • नारकोटिक्स विभाग ने नशे के कारोबार के चलते मेडिकल स्टोर किया सीज
  • नशे के कारोबार का वीडियो वायरल होने के बाद नींद से जागा विभाग
  • मोहन मेडिकल स्टोर संचालक बंद करके फरार
Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई में नारकोटिक्स के माध्यम से नशे के कारोबार में तेजी देखी जा रही है, जिससे कई लोगों की जिंदगी संकट में पड़ गई है। हाल ही में नशीले पाउडर और दवाओं को इंजेक्शन में भरकर इस्तेमाल करने वाले लोगों का एक वीडियो सामने आया, जिसने जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए। इस पर जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और औषधि निरीक्षक ने छापेमारी कर एक मेडिकल स्टोर को सीज कर दिया। अन्य मेडिकल स्टोर संचालक भाग गए और उनके स्टोर पर नोटिस चस्पा कर मामले की सूचना पुलिस को दी गई है।   वीडियो वायरल होने के बाद नींद से जागा विभाग शाहबाद इलाके में एक शख्स ने इंजेक्शन लगाते हुए वीडियो बनाते समय कस्बे के एक स्टोर का नाम लिया और नशा करने वाले लोगों ने शाहजहांपुर से सप्लाई मिलने की बात की। इस प्रकार की घटनाओं के बीच पुलिस की तत्परता पर सवाल उठे। वीडियो के वायरल होने के बाद जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया और आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए।
औषधि निरीक्षक ने की मेडिकल स्टोर पर छापेमारी इसके बाद, औषधि निरीक्षक स्वागतिका घोष ने शाहबाद में एक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की। इस छापेमारी में राम मेडिकल स्टोर पर एंटी-एलर्जिक इंजेक्शन "एविल" का रिकॉर्ड पाया गया, लेकिन इसकी बिक्री का कोई विवरण नहीं मिला। इसके अलावा, वहां कई अन्य दवाइयां भी मिलीं, जिनका नशे के लिए उपयोग किया जा सकता है। औषधि निरीक्षक ने इस स्टोर को सीज कर दिया।   मेडिकल स्टोर संचालक बंद करके फरार  दूसरे आरोपी मोहन मेडिकल स्टोर पर जब तक प्रशासनिक टीम पहुंची, तब तक स्टोर संचालक फरार हो चुके थे। औषधि निरीक्षक ने दुकान के बाहर नोटिस चस्पा किया और स्थानीय थाने को मामले की जानकारी दी। औषधि निरीक्षक ने बताया कि नशे के लिए उपयोग किए जाने वाले पाउडर और अन्य पदार्थ एंटी-एलर्जिक इंजेक्शन में मिलाकर इस्तेमाल किए जा रहे थे। चूंकि इंजेक्शन लिक्विड रूप में होता है और शरीर में सीधे जाकर तेजी से असर करता है, इसलिए नशीले पदार्थों को एंटी-एलर्जिक या अन्य इंजेक्शन में मिलाकर इसका उपयोग किया जा रहा था।   टिंचर के लिए बदनाम है बघौली क्षेत्र  हरदोई के बघौली क्षेत्र को नशे के काले कारोबार के लिए पहले से ही बदनाम माना जाता है। जानकारों के अनुसार, यहां शराब की जगह नशा करने वाले टिंचर का उपयोग आज भी किया जा रहा है। पूर्व में भी इस क्षेत्र से बड़ी मात्रा में नशीले टिंचर मेडिकल स्टोर और अन्य स्थानों से बरामद किए जा चुके हैं, लेकिन टिंचर की बिक्री अभी भी जारी है।

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