हरदोई में रेलवे विभाग के कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही : फैक्चर ट्रैक से गुजरी दो ट्रेन,बड़ा हादसा होने से टला

UPT | फ्रैक्चर लाइन की मरम्मत करते कर्मचारी

Sep 16, 2024 00:41

हरदोई में रेल अधिकारियों की उदासीनता देखने को मिली। रेलवे ट्रैक पर फैक्चर होने के बाद भी रेल अधिकारियों ने दो ट्रेनों को लखनऊ की ओर रवाना कर दिया।

Short Highlights
  • डाउन लाइन पर मिला था फैक्चर,रेल अधिकारियों ने मानकों को रखा ताक पर
  • ट्रैक फ़ैक्चर होने के बाद एडीईएन फर्स्ट पंकज मिश्रा अपनी ख़ामी को छुपाते नज़र आए
Hardoi News : हरदोई रेलवे स्टेशन पर तैनात एडीईएन फर्स्ट को रेल यात्रियों की जान की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। एडीईएन फर्स्ट द्वारा प्लेटफार्म पांच व तीन के ख़ाली होने के बाद भी फैक्चर पटरी से गरीब रथ और बरेली वाराणसी एक्सप्रेस को लखनऊ की और रवाना कर दिया गया। ऐसे में एडीईएन फर्स्ट की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। फैक्चर पटरी के चलते यदि कोई कोच डिरेल हो जाता तो ट्रेन में सवार हजारों रेल यात्रियों की जान पर बन आती लेकिन हरदोई के एडीईएन फर्स्ट को रेल यात्रियों के जान की कोई भी परवाह नहीं है। 

हरदोई रेलवे स्टेशन पर फ्रैक्चर लाइन के बाद भी गुजरती रही ट्रेन 
हरदोई रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार पर शाम 7:15 पर रेल यात्रियों ने ट्रैक पर फैक्चर होने की जानकारी रेल अधिकारियों को दी। इसके बाद मौके पर पहुंचे एडीईएन फर्स्ट ने पीछे से आ रही दो ट्रेनों को फैक्चर पटरी से ही गुजार दिया जबकि दो डाउन ट्रैक ख़ाली थे। ट्रेनों के गुजरने के बाद एडीईएन फर्स्ट द्वारा सारे मानकों को ताक पर रखकर रेल ट्रैक पर कार्य कराया गया। एडीईएन फर्स्ट पंकज मिश्रा स्वयं कोई भी सुरक्षा के मानक को पहने नहीं थे रेल ट्रैक कार्य के समय किसी भी रेल कर्मचारियों को ट्रैक पर कार्य के समय भी मानक भी पूरे नहीं कराये गए। बिना सेफ्टी शू,हेलमेट,जैकेट के स्वयं एडीईएन फर्स्ट और कर्मचारी रेल ट्रैक पर फ्रैक्चर को जोड़ते हुए नजर आए। इस दौरान प्लेटफार्म नंबर तीन से कई रन थ्रू ट्रेनों को भी गुजर गया। 
  
हरदोई के एडीईएन प्रथम ने मानकों को ताक पर रखकर रेल कर्मचारियों की जान की परवाह किए बगैर कार्य कराया। मंडल रेल प्रबंधक मुरादाबाद राजकुमार सिंह के निर्देश के बाद भी एडीईएन पंकज मिश्रा की कार्यशैली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक रेल अधिकारी अपने अधीनस्थों की कितनी परवाह करते हैं। हालांकि रेल अधिकारी दूसरों को ज्ञान देने में बहुत माहिर होते हैं। सवाल यह उठता है कि एडीईएन प्रथम ने दो पैसेंजर ट्रेनों को फ्रैक्चर्ड रेल ट्रैक से क्यों गुजरने दिया जबकि दो ट्रैक खाली थे, अगर इस दौरान कोई हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन रेलवे अधिकारी होता।

आख़िर फैक्चर ट्रैक से ट्रेनों को निकालने की क्या थी मजबूरी?  
हरदोई रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार पर उसे समय हड़कंप जब रेल यात्रियों द्वारा रेल अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रैक पर फ्रैक्चर होने की जानकारी दी गई। ट्रैक पर फ्रैक्चर होने की जानकारी लगते ही मौके पर पहुंचे रेलवे के अधिकारियों ने पीछे से आ रही 14236 बरेली वाराणसी बरेली एक्सप्रेस को रोक दिया। बरेली वाराणसी एक्सप्रेस हरदोई आने को थी तभी रेल यात्रियों द्वारा ट्रैक पर फैक्चर देखा गया जिसके बाद बरेली वाराणसी एक्सप्रेस को आउटर पर रोक दिया। 

बरेली वाराणसी एक्सप्रेस लगभग आधे घंटे तक खड़ी रही जिसके बाद रेल अधिकारियों द्वारा फैक्चर ट्रैक से ट्रेन को आगे लखनऊ की ओर रवाना किया कर दिया। बरेली वाराणसी एक्सप्रेस यात्रियों की सूझबूझ और सतर्कता के चलते ट्रेन हादसे का शिकार होने से बच गई। बरेली वाराणसी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय शाम के 6:45 से 27 मिनट की देरी से शाम 7:14 पर हरदोई रेलवे स्टेशन पहुंची थी इसके बाद ट्रेन 58 मिनट की देरी से शाम 7:45 पर आगे लखनऊ की ओर रवाना की जा सकी। 

रेल ट्रैक पर फैक्चर के चलते पीछे से आ रही है 12204 अमृतसर सहरसा गरीब रथ एक्सप्रेस पर भी असर पड़ा। गरीब रथ हरदोई रेलवे स्टेशन पर अपने निर्धारित समय शाम के 4:55 से 3 घंटे 7 मिनट की देरी से रात 8:02 मिनट पर हरदोई रेलवे स्टेशन पहुंची जिसके बाद ट्रेन फैक्चर ट्रैक से लगभग 16 मिनट की देरी से 8:18 पर लखनऊ की ओर रवाना हुई। ट्रैक फ़ैक्चर होने के बाद एडीईएन फर्स्ट पंकज मिश्रा अपनी ख़ामी को छुपाते नज़र आये।

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