कजरी महोत्सव : हरि बिनु कारी बदरिया छाई, मालिनी अवस्थी से छात्र-छात्राओं ने सीखी कजरी

UPT | पद्मश्री मालिनी अवस्थी

Jul 26, 2024 23:37

भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के गायन विभाग के छात्र-छात्राओं को शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी से कजरी गायन सीखने का अवसर मिला।

Lucknow News : भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के गायन विभाग के छात्र-छात्राओं को शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी से कजरी गायन सीखने का अवसर मिला। इस दौरान गायन के विद्यार्थियों ने पूरी तनमयता के साथ कजरी की बारीकियों को सीखा। यह मौका था विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित तीन दिवसीय कजरी महोत्सव का।
 
राग पीलू में दादरा अंग की ठुमरी सिखाई
कार्यशाला के पहले सत्र में मालिनी अवस्थी ने राग तिलक कामोद में अद्धा ताल में निबद्ध ठुमरी अंग की कजरी छात्रा-छात्राओं को सिखाई। जिसके बोल थे ‘बैठी सोचे बृज बाम, सुनो लागे मेरो धाम’। साथ ही राग पीलू में दादरा अंग की ठुमरी सिखाई। जिसके बोल थे ‘हरि बिनु कारी बदरिया छाई’। दूसरे सत्र में दादरा ‘कौन रंग मूँगवा कौन रंग मोतिया’ से महोत्सव के पहले दिन का समापन किया।हारमोनियम पर पंडित धर्मनाथ मिश्र, तबले पर अनंत प्रजापति, ढोलक पर हर्षित शर्मा ने संगत दी। वहीं तानपूरे पर  विश्वविद्यालय की छात्रा मोनिका और निकिता ने साथ दिया। इससे पहले विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने मालिनी अवस्थी का स्वागत किया। 

Also Read