UP News : यूपी में तीन साल में 1.61 करोड़ से अधिक शिशुओं को लगे टीके, मृत्यु दर में आई कमी

UPT | यूपी में तीन साल में 1.61 करोड़ से अधिक शिशुओं को लगे टीके।

Sep 09, 2024 13:07

यूपी में नवजात और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लगातार टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत पिछले तीन साल में राज्य में आयोजित 77,51,600 सत्र में 1,61,61,882 शिशुओं का पूर्ण टीकाकरण किया गया। यही वजह है कि पिछले सात साल में नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में काफी कमी दर्ज की गयी है।

Lucknow News : यूपी में नवजात और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लगातार टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत पिछले तीन साल में राज्य में आयोजित 77,51,600 सत्र में 1,61,61,882 शिशुओं का पूर्ण टीकाकरण किया गया। यही वजह है कि पिछले सात साल में नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में काफी कमी दर्ज की गयी है। देश और प्रदेश में पोलियाे और नवजात टिटनेस की विदाई की मिशाल नियमित टीकाकरण है। प्रदेश में हर साल शून्य से लेकर 16 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए लक्ष्य दिया जा रहा है। इतना ही नहीं सरकार द्वारा सौ फीसद नियमित टीकाकरण के लक्ष्य को पाने के लिए समय-समय पर नवाचार भी किए जा रहे हैं। 13 मार्च को लांच यूविन पोर्टल उसी का हिस्सा है। 

2023-24 में 56 लाख से अधिक शिशुओं का टीकाकरण
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि सौ फीसद नियमित टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में नवजात शिशुओं से लेकर 16 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए 28,00,343 सत्र का लक्ष्य रखा गया। जिसके सापेक्ष 27,82,621 सत्र आयोजित किए गये। इसमें बच्चों 57,24,629 जीरो से लेकर 1 साल तक के बच्चों के टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं 66,94,603 के निर्धारित टीकाकरण के लक्ष्य के सापेक्ष 56,90,886 बच्चों और 56,50,317 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। इसी तरह वर्ष 2022-23 में 28,40,924 सत्र का लक्ष्य रखा गया, जिसके सापेक्ष 28,40,705 सत्र आयोजित किए गए। इसमें बच्चों 57,16,769 और गर्भवती महिलाओं 67,06,324 के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 56,24,809 बच्चों और 57,22,227 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण किया गया।  

एक करोड़ से अधिक शिशुओं को लगाए गए ये टीके
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2021-22 में नवजात शिशुओं से लेकर 16 साल तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए 22,65,177 सत्र का लक्ष्य दिया गया। जबकि 21,28,274 सत्र आयोजित किए गए। इनसें 56,91,189 शून्य से 1 साल तक के बच्चों को पूर्ण टीकाकरण एवं 68,44,888 गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण कर लक्ष्य रखा गया। इसके सापेक्ष 48,86,187 शिशुओं का पूर्ण टीकाकरण किया गया। वहीं 49,79,529 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। उन्हाेंने बताया कि इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से टीकाकरण में गिरावट आयी। पिछले तीन साल में 1,62,36,990 शिशुओं को एमआर-1 का टीका लगाया गया। वहीं 1,48,81,368 शिशुओं को एमआर-2 का टीका लगाया गया। उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार से शनिवार तक सुबह 8 बजे से 2 बजे तक टीकाकरण किया गया है जबकि सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मंगलवार से रविवार तक ओपीडी में टीकाकरण किया जाता है। 
 
इतनी बार होता है टीकाकरण 
  • पांच साल में सात बार टीकाकरण किया जाता है। 
  • बच्चों को लगाए जाते हैं 12 बीमारियों से बचाव के टीके। 
  • टीबी, हिपेटाइटिस बी, पोलियो, खसरा, रूबेला, काली खांसी, गलघोंटू, टिटेनस, रोटा वायरस से होने वाला डायरिया, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया, जापानी इन्सिफेलाइटिस। 
  • गर्भवती महिलाओं को भी लगते हैं दो टीके। 
  • व्यस्क डिप्थीरिया और टिटेनस के दो टीके गर्भवती को लगाए जाते हैं। एक टीका गर्भावस्था का पता लगते ही और दूसरा उसके अगले माह।

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