प्याज छोड़िए बाकी सब्जियां भी दिखा रहीं तेवर : अदरक-लहसुन और धनिया का भाव देखकर नींबू निचोड़ रहा जेब

UPT | लखनऊ सब्जी मंडी

Sep 15, 2024 12:12

इस साल तेज गर्मी और बारिश में देरी के कारण सब्जियों की कीमत में काफी उछाल देखने को मिल रहा है। लखनऊ की सभी प्रमुख सब्जी मंडियों में ग्राहक और विक्रेता के बीच आए दिन दामों में इजाफे को लेकर संवाद सुनने को मिल रहे हैं। ग्राहक जो सब्जी पहले किलो में खरीदते थे, वह आधा किलो और एक पाव में आ गए हैं।

Lucknow News : सब्जियों के बढ़ते दामों से आम आदमी को ​फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। प्याज और टमाटर के बढ़ते दाम अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। इन्हें लेकर सियासत भी होती रहती है और विधानसभा से लेकर संसद तक में ये मुद्दा बनते आए हैं। लेकिन, इस बार बारिश की शुरुआत से पहले ही सब्जियों का चढ़ा ग्राफ नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहा है। थोक से लेकर फुटकर मंडियों में सबसे ज्यादा आलू की खरीद होती है। इस बार आलू के दामों में भी गिरावट नहीं दर्ज की गई। साथ ही लौकी, तुरई, बींस, अदरक, शिमला मिर्च, परवल सहित अन्य सब्जियों के दामों ने भी लोगों को परेशान कर रखा है।  
 
ग्राहक हर रोज कर रहे दाम कम होने की जानकारी
इस साल तेज गर्मी और बारिश में देरी के कारण सब्जियों की कीमत में काफी उछाल देखने को मिल रहा है। लखनऊ की सभी प्रमुख सब्जी मंडियों में ग्राहक और विक्रेता के बीच आए दिन दामों में इजाफे को लेकर संवाद सुनने को मिल रहे हैं। ग्राहक दामों में कमी को लेकर पूछता है तो विक्रेता बाहर से सप्लाई होने और आगे इसके प्रभावित होने की संभावना के बीच दामों में अब और इजाफा होने की बात कर रहा है। ऐसे में ग्राहक जो सब्जी पहले किलो में खरीदते थे, वह आधा किलो और एक पाव में आ गए हैं।  

आगे और रुलाएंगे प्याज के दाम
राजधानी में प्याज के रेट की बात करें तो फुटकर बाजार में इसकी कीमत 60 रुपये किलो है। आने वाले दिनों में प्याज लोगों को और रुलाता नजर आएगा। मौसम के प्रभावित होने से इस बार देश के कई इलाकों में प्याज की बोआई में देरी हुई है। इस वजह से बाजार में इसकी खेप देर से पहुंचेगी। ऐसे में प्याज के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं।

पितृपक्ष और नवरात्रि में बहुत ज्यादा राहत मिलने के आसार नहीं
गोमतीनगर में हैनीमैन चौराहे के करीब थोक सब्जी मंडी के कारोबारियों के मुताबिक हर बार पितृपक्ष और नवरात्रि के समय प्याज के दामों में कुछ गिरावट देखने को मिलती है। इस बार जिस तरह से हमें बढ़े दामों पर खरीद करनी पड़ रही है, उसको देखते हुए बहुत ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। जाड़े के जोर पकड़ने के बीच नवंबर से पहले प्याज के दामों में बहुत ज्यादा कमी नहीं होने की संभावना है, क्योंकि इससे पहले नई फसल की खेप आना मुश्किल है। इसके बाद ही आवक होने पर विक्रेता और ग्राहक दोनों को राहत मिल सकती है।

आवक प्रभावित होने से सब्जियों की कीमतों में इजाफा
दुकानदारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में एक-दो जनपदों को छोड़कर प्याज की खेती आमतौर पर नहीं की जाती है। ऐसे में प्याज और टमाटर सबसे ज्यादा नासिक की मंडियों से यहां पहुंचता है। बारिश, कम पैदावार और दूसरे कारणों से जब आवक प्रभावित होती है तो दामों का चढ़ना तय है। अक्सर लखनऊ के कारोबारी से लेकर ग्राहकों को इसी समस्या से जूझना पड़ता है।

बारिश के कारण किसानों को नुकसान
लखनऊ में दुबग्गा सब्जी मंडी, गोमतीनगर थोक सब्जी मंडी, सीतापुर रोड स्थित मंडी, चिनहट सब्जी मंडी सहित कई इलाके ऐसे हैं, जहां आसपास के ग्रामीण अपने खेतों में उगाई सब्जी लेकर पहुंचते हैं। इसके अलावा वह स्वयं भी शहर के भीतर घूमकर सब्जी बेचते हैं। आमतौर पर इनके दाम कुछ कम होते हैं। ऐसे में गली मोहल्ले से गुजरने वाले ऐसे विक्रेताओं से लोग सब्जी खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन, इस बार बारिश से इनकी फसल भी प्रभावित हुई है और नुकसान हुआ है। इस वजह से ये भी महंगे दामों पर सब्जी बेचने को मजबूर हैं। बारिश की वजह से इन्हें भी थोक मंडियों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है।   

थोक मंडी में सब्जियों के दाम
  • प्याज 250 रुपये पांच किलोग्राम
  • आलू 160 रुपये पांच किलोग्राम
  • अदरक 120 रुपये प्रति किलोग्राम
  • टमाटर 60 रुपये प्रति किलोग्राम
  • हरी धनिया 300-350 रुपये प्रति किलोग्राम
  • कद्दू 40 रुपये प्रति किलोग्राम
  • लौकी 40 रुपये प्रति किलोग्राम
  • नींबू 120 रुपये प्रति किलोग्राम
  • हरी मिर्च 80 रुपये प्रति किलोग्राम
  • शिमला मिर्च 120 रुपये प्रति किलोग्राम
  • सोया मेथी 180-250 रुपये प्रति किलोग्राम
  • परवल 80 रुपये प्रति किलोग्राम
  • खीरा 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम
  • गाजर 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम
  • लहसुन 300 रुपये प्रति किलोग्राम
  • फूल गोभी 40-60 रुपये का एक, साइज के मुताबिक
  • बंद गोभी 40-50 रुपये का एक, साइज के मुताबिक

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