Lucknow News : खुद को मुख्यमंत्री का निजी सचिव बता करते थे अधिकारियों को फ़ोन, UP STF ने चाचा भतीजे को किया गिरफ्तार

UPT | आरोपी कप्तान तिवारी और अन्वेष तिवारी

Apr 14, 2024 08:56

राजधानी लखनऊ के चिनहट से up stf ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार खुद को मुख्यमंत्री का निजी सचिव बता कर अधिकारियों को करते थे फ़ोन, गलत काम करने का बनाते थे दबाव...

Lucknow : खुद को मुख्यमंत्री का निजी सचिव बता कर अलग अलग विभागों के अधिकारियों फ़ोन करके काम कराने का दबाव बनाने वाले दो जालसज़ों को यूपी STF ने शनिवार को लखनऊ के चिनहट से किया गिरफ्तार। 

कॉल स्पूफिंग के जरिए करते थे कॉल- यूपीएसटीएफ की पूछताछ में मास्टरमाइंड अन्वेष तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कॉल स्पूफिंग के जरिए कभी मुख्यमंत्री का सचिव तो कभी लोक निर्माण मंत्री और ऊर्जा मंत्री का सचिव बनाकर अधिकारियों को फोन करते थें सीयूजी नंबर होने की वजह से अधिकारियों को शक नहीं होता था और थाने में ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर विभागों से ठेका और पट्टा लेने का दबाव बनाते थे। क्योंकि कॉल सीयूजी नंबर से आता था इस वजह से अधिकारियों को भी शक नहीं होता था और अधिकारी भी कहीं-कहीं बातों को शासन का आदेश मानकर काम कर देते थे। वही यूपी एसटीएफ अब आगे की पूछताछ दोनों आरोपियों से कर रही है।

सॉफ्टवेयर कंपनी चलाता था मास्टरमाइंड- जानकारी के अनुसार सॉफ्टवेयर इंजीनियर था अवध विश्वविद्यालय अयोध्या से एमसीए की पढ़ाई की थी। इसके बाद में सॉफ्टवेयर डेवलपर की तरह काम करने लगा वही साल 2023 मे उसने अपनी खुद की लारावेयर नाम से सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई बताते चले अब तक फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी और स्कूल के लिए 3 हज़ार से ज्यादा सॉफ्टवेयर डेवलप किए हैं। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि साल 2022 में INDYCALL ऐप की जानकारी मिली जिसके जरिए किसी भी नंबर को प्रदर्शित करके कॉल किया जा सकता है वही इस बात की जानकारी उसने अपने चाचा कप्तान तिवारी को दी इसके बाद धोखाधड़ी का यह खेल चाचा भतीजे ने मिलकर शुरू किया।

कई अधिकारियों को किया फोन - अन्वेष तिवारी ने पूछताछ में बताया कि साल 2023 में उसके चाचा कप्तान तिवारी ने नाली का काम रुकवाने के लिए सोहावल के एसडीएम को फोन करने को कहा था इसके बाद उसने मुख्यमंत्री का निजी सचिव बनकर एसडीएम को फोन कर काम रुकवाया। इसके अलावा मास्टरमाइंड द्वारा कई अधिकारियों को भी निजी काम करने के लिए अलग-अलग समय पर फोन किया गया। इतना ही नहीं साल 2022 में बरेली की फिंटेक कंपनी में मुख्यमंत्री का निजी सचिव बनाकर फोन किया और कंपनी से सॉफ्टवेयर बनवाने का टेंडर अपनी कंपनी के नाम पर लिया। इसके बाद कंपनी ने उसके खाते में 8 लाख रूपए जमा किए। वही हिसाब के बाद मास्टरमाइंड कंपनी को 1.5 लाख रूपए वापस कर दिया। विवाद होने के कारण कंपनी ने पूरा पैसा वापस करने का दबाव बनाया जिसके चलते बरेली के थाना इज्जत नगर में दर्ज हुआ वहीं मुकदमे की पैरवी के लिए आरोपी ने 22 फरवरी 2024 को एक बार फिर से मुख्यमंत्री का निजी सचिव बनकर इज्जत नगर थाने के प्रभारी निरीक्षक को कॉल किया था।

यूपीएसटीएफ को मिल रही थी शिकायतें- यूपीएसटीएफ के मुताबिक उनके पास बीते काफी समय से शिकायत आ रही थी कि कुछ लोग खुद को मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री और लोक निर्माण मंत्री का निजी सचिव बता कर फोन करते हैं और गलत काम करने का दबाव बनाते हैं। यूपीएसटीएफ ने पड़ताल में पाया कि यह पूरा खेल कॉल स्पूफिंग का चल रहा है इसके बाद एसटीएफ द्वारा जांच की गई और अयोध्या के पिरखौली अन्वेष तिवारी और कप्तान तिवारी के बारे मे पता चला और उन्हें शनिवार को लखनऊ के चिनहट से पूछताछ के लिए उठा लिया। एसटीएफ द्वारा जब सख़्ती से पूछताछ की गई तो आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, लैपटॉप, कॉलिंग ऐप और व्हाट्सएप का डाटा मिला है जिसकी जांच एसटीएफ द्वारा की जा रही है।

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