दोस्त बने कातिल : रुपये के चक्कर में अपने मित्र की ली जान, पुलिस ने किया खुलासा

UPT | लोन एजेंट की हत्या का खुलासा

Oct 11, 2024 17:27

ग्रेटर नोएडा में तीन दोस्तों ने मिलकर अपने लोन एजेंट दोस्त की डेढ़ करोड़ रुपये के चक्कर में हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के दादरी थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज घटना का खुलासा हुआ है। यहां तीन दोस्तों ने मिलकर अपने लोन एजेंट दोस्त (अमित कुमार) की  डेढ़ करोड़ रुपये के कमीशन के विवाद में हत्या कर दी। हत्या के बाद उन्होंने अमित के शव को हायर कंपनी के पास सड़क पर फेंक दिया और मौके से फरार हो गए। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।

ये है पूरा मामला
7 अक्टूबर को दादरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत हायर गोल चक्कर के पास एक अज्ञात शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अधिकारियों के साथ मिलकर फील्ड यूनिट और डॉग स्क्वाड टीम के साथ घटनास्थल की जांच की। जांच के दौरान मृतक की पहचान अमित कुमार के रूप में हुई जो थाना क्षेत्र बिसरख का निवासी था। इस बीच अमित की पत्नी ने बिसरख थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मिया खान ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया। 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की गई। जिसमें दो संदिग्ध गाड़ियां— एक वैगन आर और एक क्रेटा— नजर आईं। इन गाड़ियों में से कुछ लोग उतरते हुए देखे गए। जिससे पुलिस को अहम सुराग मिले।

कैसे हुआ हत्या का खुलासा
सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर पुलिस ने मामले की गहराई से जांच की। फुटेज में दिखने वाले लोगों की पहचान अमित के साथ काम करने वाले सचिन तंवर और रमेश उर्फ रामा के रूप में हुई। जांच को आगे बढ़ाते हुए, पुलिस ने सचिन और रमेश के दो अन्य साथियों— हिमांशु और ओमप्रकाश— के नाम भी उजागर किए। इसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, जिससे इस घातक साजिश का खुलासा हुआ। चारों आरोपी लोन एजेंट अमित कुमार के साथ मिलकर एक धोखाधड़ी योजना चला रहे थे। वे फर्जी ग्राहकों के आधार कार्ड और फर्जी पे-स्लिप का उपयोग करके बैंक से लोन स्वीकृत करवाते थे। लोन पास होने पर कमीशन के रूप में मोटी रकम बांटी जाती थी लेकिन अमित ने कई बार अपने साथियों को उनका हिस्सा नहीं दिया। यह विवाद धीरे-धीरे बढ़ते हुए डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

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ऐसे रची गई हत्या की साजिश
अमित ने जब अपने साथियों का हिस्सा हड़प लिया, तो तीनों ने मिलकर उसकी हत्या की योजना बनाई। 6 अक्टूबर की रात को आरोपियों ने अमित को केबी नोज ग्रीन सोसाइटी बिसरख के पास बुलाया। अमित अपनी काले रंग की क्रेटा कार से वहां पहुंचा जबकि आरोपी वेगन आर कार में उसका इंतजार कर रहे थे। जब अमित वहां पहुंचा तो चारों आरोपी उसकी कार में बैठ गए और पैसे को लेकर उनमें विवाद होने लगा। इस बहस ने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया और चारों ने लोहे के पंच और पाना का इस्तेमाल करके अमित की कार में ही बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपियों ने अमित के शव को 15 किलोमीटर दूर दादरी थाना क्षेत्र के हायर कंपनी के पास फेंक दिया और वहां से फरार हो गए।

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आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों— सचिन तंवर, हिमांशु, और ओमप्रकाश— को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से 20 हजार रुपये नकद एक पाना और वारदात में इस्तेमाल की गई वेगन आर और क्रेटा कार बरामद की गई है। चौथा आरोपी रमेश उर्फ रामा अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। पुलिस आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे पहले से भी किसी अन्य अपराध में लिप्त थे या नहीं।

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