चादर गैंग की पूरी कहानी : गाजियाबाद से चुराई थी 3 करोड़ की घड़ियां, बिहार से नेपाल तक फैला है नेटवर्क

UPT | चादर गैंग का कारनामा

Aug 30, 2024 16:50

चोरी की वारदात को अंजाम देने का तरीका कुछ नया नहीं था, अमूमन चोर रेकी करने के बाद ही वारदात को अंजाम देते है। चादर गैंग ने भी यही किया, शोरूम में वारदात को अंजाम देने के 20-22 दिन पहले बिहार से संतोष जायसवाल, नेपाल से सचिन, प्रमोद और संतोष उर्फ आसामी नोएडा आए...

Ghaziabad News : 10 अगस्त 2024 की रात गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित साईं क्रिएशन शोरूम से 3 करोड़ की 720 ब्रांडेड वॉच चोरी हो जाती है। मामला बड़ा था, तो क्राइम ब्रांच को जांच के लिए लगाया गया। जांच में पता चला की करोड़ों की चोरी की वारदात को चादर गैंग ने अंजाम दिया था। 29 अगस्त की शाम क्राइम ब्रांच ने 2 आरोपी संतोष कुमार जायसवाल और रोहित पासवान को गिरफ्तार किया। इनके पास से 46 लाख रुपये की 125 घड़ियां बरामद हुईं। दोनों का ताल्लुक बिहार के चादर गैंग से था। तो आइए बिहार से नेपाल तक फैले इस गैंग की पूरी कहानी आज जानते हैं.... 

चोरी की होती थी एडवांस बुकिंग
चोरी के मामले में यह गैंग ऑन डिमांड रहता, गैंग चोरी की एडवांस बुकिंग करता। जो पार्टी चोरी के लिए बुकिंग करती, वह एंडवांस पैसे भी देती थी। वारदात के समय क्रिकेट टीम की तर्ज पर कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे और इस चोरी के माल को बेचकर बिचौलिए खूब पैसा भी कमाते थे। 

सेक्टर-63 में किराए का लिया घर 
चोरी की वारदात को अंजाम देने का तरीका कुछ नया नहीं था, अमूमन चोर रेकी करने के बाद ही वारदात को अंजाम देते है। चादर गैंग ने भी यही किया, शोरूम में वारदात को अंजाम देने के 20-22 दिन पहले बिहार से संतोष जायसवाल, नेपाल से सचिन, प्रमोद और संतोष उर्फ आसामी नोएडा आए। बाकी साथियों को भी बिहार से गाजियाबाद बुला लिया। सेक्टर-63 में किराए पर घर लेकर रहने लगे और पुताई का काम करने लगे। गाजियाबाद का इंदिरापुरम इलाका भी सेक्टर-63 नोएडा से सटा हुआ है। ऐसे में समय मिलते ही यहां आकर रेकी करते। 

चादर गैंग नाम क्यों 
इस गैंग का नाम चादर गैंग होने के पीछे भी वजह है और वजह है इनके चारी करने का तरीका। दरअसल ये गैंग वारदात के लिए डबल बेड की चादर लेकर जाते हैं। जिस दुकान या शोरूम में वारदात करनी होती है, पहले उसका शटर तोड़ते हैं। फिर शटर पर चादर टांग देते हैं। जिससे वहां से गुजर रहे लोगों को पता नहीं चलता कि अंदर क्या चल रहा है। शटर तोड़कर 2-3 बदमाश दुकान के अंदर जाते हैं। एक-दो लोग आस-पास खड़े रहते हैं और बाकी लोग 100 से 200 मीटर दूर खड़े होकर रेकी करते रहते हैं। अगर दूर खड़े लोगों को लगता है कि कोई आ रहा है तो वह सीटी बजाकर अपनी टीम के सदस्यों को अलर्ट कर देते हैं। सीटी की आवाज सुनते ही घटनास्थल पर खड़े लोग अलर्ट हो जाते हैं। वो चादर उतार कर उसी को ओढ़ कर दुकान के बाहर सोने का नाटक करते हैं। 

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