इंदिरापुरम पर 70 करोड़ मेंटनेंस चार्ज का बोझ : जीडीए और नगर निगम के बीच विवाद, अब तक 100 नोटिस भेजे जा चुके हैं

UPT | इंदिरापुरम सोसायटी

Sep 13, 2024 18:25

इंदिरापुरम में रह रहे नागरिकों की परेशानियां इन दिनों बढ़ गई हैं। गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीडीए) पर इंदिरापुरम क्षेत्र के मेंटनेंस चार्ज के रूप में लगभग 70 करोड़ रुपये बकाया है।

Short Highlights
  • इंदिरापुरम सोसायटी पर 70 करोड़ रुपये का मेंटनेंस चार्ज बकाया है
  • अब तक करीब 100 नोटिस भेजे जा चुके हैं
  • जीडीए सगातार भेज रही है नोटिस
Ghaziabad News : इंदिरापुरम में रह रहे नागरिकों की परेशानियां इन दिनों बढ़ गई हैं। गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीडीए) पर इंदिरापुरम क्षेत्र के मेंटनेंस चार्ज के रूप में लगभग 70 करोड़ रुपये बकाया है। अब इस क्षेत्र को गाजियाबाद नगर निगम के अंतर्गत हैंडओवर किया जा रहा है। इससे पहले कि नगर निगम इस कार्य को संभाले, जीडीए यह सुनिश्चित कर रहा है कि आने वाले महीनों में सारा बकाया वसूल लिया जाए। इसी कड़ी में जीडीए ने नागरिकों को लगातार नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

लोगों को रियायत की उम्मीद
नागरिक इस मामले में दुविधा में हैं। उनका कहना है कि वे अभी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें जीडीए को मेंटनेंस चार्ज देना चाहिए या नगर निगम के अधीन आने का इंतजार करना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि उन्हें दोनों संस्थानों को कर देना पड़ जाए। इसके अलावा, लोग यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि नगर निगम से उन्हें किसी प्रकार की रियायत या रिबेट मिल सके।

जीडीए और नगर निगम का रुख
एनबीटी के संवाददाता ने जब इस मसले पर जीडीए और नगर निगम के अधिकारियों से बातचीत की, तो यह स्पष्ट हुआ कि जो भी मेंटनेंस चार्ज बकाया है, उसे लोगों को हर हाल में जमा करना होगा। यदि नागरिकों ने जीडीए को तय समय में चार्ज नहीं चुकाया, तो नगर निगम यह वसूली करेगा। इसके लिए नगर निगम ने जीडीए से बकायेदारों की सूची भी मांगी है, जिससे प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

अब तक 100 नोटिस जारी
गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारी पीयूष सिंह ने बताया कि टैक्स के लिए अभी भी कार्यभार जीडीए के पास ही है। उन्होंने बताया कि मेंटनेंस चार्ज की वसूली तेजी से की जा रही है और निवासियों को नोटिस भी भेजे जा रहे हैं। अब तक करीब 100 नोटिस भेजे जा चुके हैं, और लिस्ट तैयार कर और भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं। कुल 70 करोड़ रुपये का बकाया चार्ज वसूला जाना है, जिसे जल्द से जल्द वसूलने की योजना बनाई गई है।

मेंटनेंस चार्ज की जगह अब होंगे तीन नए टैक्स
इंदिरापुरम के निवासियों को वर्तमान में दो प्रकार के टैक्स चुकाने पड़ते हैं। पहला मेंटनेंस चार्ज जो जीडीए वसूलता है, जिसमें वॉटर और सीवर टैक्स भी शामिल होता है। इसके अलावा, हर साल इसमें 10 प्रतिशत की वृद्धि भी होती है। दूसरा है हाउस टैक्स, जिसे नगर निगम वसूलता है। जब इंदिरापुरम पूरी तरह नगर निगम के कार्यक्षेत्र में आ जाएगा, तो मेंटनेंस चार्ज की जगह यूजर चार्ज और सीवर टैक्स अलग से लगाया जाएगा। साथ ही हाउस टैक्स में वॉटर टैक्स भी जोड़ दिया जाएगा।

जीडीए और नगर निगम में टैक्स प्रणाली का अंतर
गाजियाबाद नगर निगम में सीवर और यूजर चार्ज लगभग 600 रुपये होता है, जबकि जीडीए के कार्यक्षेत्र में यह एरिया के अनुसार अलग-अलग होता है। नगर निगम में आने के बाद निवासियों को अलग से कूड़े का भुगतान नहीं करना होगा, क्योंकि यह सीवर टैक्स में शामिल कर लिया जाएगा। इससे नागरिकों को थोड़ा राहत मिल सकती है, क्योंकि वर्तमान में उन्हें कूड़े के लिए अलग से प्रति घर 35 रुपये से अधिक भुगतान करना पड़ता है।

नगर निगम ने मांगी लिस्ट
गाजियाबाद नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि फिलहाल जीडीए इंदिरापुरम में टैक्स वसूली कर रहा है, लेकिन जैसे ही यह कार्यकाल पूरा होगा, नगर निगम यह जिम्मेदारी संभालेगा। नगर निगम के अनुसार टैक्स प्रणाली लागू होगी और मेंटनेंस चार्ज की जगह सीवर, वॉटर और यूजर चार्ज के साथ हाउस टैक्स वसूला जाएगा। जीडीए के बकायेदारों को चालाकी से बचने की सलाह दी गई है, क्योंकि बकायेदारों की लिस्ट नगर निगम ने जीडीए से मांगी है और उन्हें हर हाल में बकाया चुकाना ही होगा।

नागरिकों में असमंजस: क्या करें, किसे भुगतान करें?
ज्ञानखंड के निवासी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें 4,000 रुपये का मेंटनेंस चार्ज का नोटिस मिला है। लेकिन वे इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि उन्हें यह रकम जीडीए को देनी चाहिए या नगर निगम के अधीन आने का इंतजार करना चाहिए। शक्तिखंड के एनडी द्विवेदी का कहना है कि उनका करीब 20,000 रुपये का बकाया है, लेकिन उन्हें इस बात पर नाराजगी है कि उनकी ही गली के कुछ लोगों ने कभी यह शुल्क नहीं भरा, और फिर भी केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही नोटिस मिला है।

लोगों ने कई बार उठाई आवाज
ज्ञानखंड के सुशील कुमार ने बताया कि जीडीए ने मेंटनेंस चार्ज के मामले में कई जगहों पर लापरवाही दिखाई है, और यही कारण है कि लोगों ने इसे समय पर जमा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। जब से लोगों को यह पता चला है कि क्षेत्र को नगर निगम को हैंडओवर किया जा रहा है, तब से वे और भी ज्यादा उदासीन हो गए हैं। सुशील कुमार ने बताया कि उनके खंड में कई बिल्डिंग्स हैं, जहां मेंटनेंस का बिल कोई भी उपभोक्ता नहीं भरता। इससे जीडीए के लिए रिकवरी करना मुश्किल हो सकता है।

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