इस समय अवधि में जो तिथि होती है उसके अनुसार श्राद्ध कर्म किया जाना चाहिए ना कि सूर्योदय तिथि के अनुसार।
Short Highlights
पूर्णिमा श्राद्ध 17 सितम्बर 11:46 पश्चात कुतुप योग में
18 सितम्बर पूर्णिमा व्रत और सत्यनारायण कथा का विधान
इस बार पितृपक्ष पर 16 दिन के श्राद्ध के विधान
Pitru Paksha Shraddha : पितृपक्ष 2024 इस बार 17 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। पितृपक्ष को कनागत भी कहते हैं। इस बार पितृपक्ष पर 16 दिन के श्राद्ध का विधान होगा। पंड़ित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार 17 सितम्बर 2024 को पूर्णिमा तिथि प्रात: 11:46 से प्रारंभ हो कर 18 सितम्बर दिन बुधवार को प्रात: 8:06 मिनट तक रहेगी। इस प्रकार पितृपक्ष 17 सितम्बर दिन मंगलवार से भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि, शतभिषा नक्षत्र, धृति योग मे प्रारम्भ हो रहे हैं। 17 सितम्बर दिन मंगलवार को पूर्णिमा का श्राद्ध क़ुतुप योग में दोपहर 01:00 से 3:30 तक होगा।
पितृपक्ष पर विशेष
पितृपक्ष में श्राद्ध का सर्वश्रेष्ठ, शास्त्रोक्त समय कुतुप योग में 1:00 से 3:00 तक मान्य होता है। पितरों को तर्पण प्रातः अथवा कुतुप योग में भी किया जा सकता है। इस समय अवधि में जो तिथि होती है उसके अनुसार श्राद्ध कर्म किया जाना चाहिए ना कि सूर्योदय तिथि के अनुसार।
श्राद्ध कर्म हेतु इस बार श्राद्ध कर्म की तिथि सूची
17 सितंबर 2024, मंगलवार, पूर्णिमा का श्राद्ध
18 सितंबर 2024, बुधवार, प्रतिपदा का श्राद्ध
19 सितंबर 2024, गुरुवार, द्वितीया का श्राद्ध
20 सितंबर 2024, शुक्रवार, तृतीया का श्राद्ध
21 सितंबर 2024, शनिवार, चतुर्थी का श्राद्ध
22 सितंबर 2024, रविवार, पंचमी का श्राद्ध
23 सितंबर 2024, सोमवार, षष्ठी व सप्तमी का श्राद्ध
24 सितंबर 2024, मंगलवार, अष्टमी का श्राद्ध
25 सितंबर 2024, बुधवार, नवमी का श्राद्ध
26 सितंबर 2024, गुरुवार, दशमी का श्राद्ध
27 सितंबर 2024, शुक्रवार, एकादशी का श्राद्ध
28 सितंबर 2024, शनिवार, कोई श्राद्ध नहीं है
29 सितंबर 2024, रविवार, द्वादशी का श्राद्ध
30 सितंबर 2024, सोमवार, त्रयोदशी का श्राद्ध
1 अक्टूबर 2024, मंगलवार, चतुर्दशी का श्राद्ध
2 अक्टूबर 2024, बुधवार महालया सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध