CJM कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : पुलिस अधिकारियों पर VNS कानून के तहत पहला मुकदमा दर्ज, जानिए क्या है पूरा मामला

UPT | जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय

Aug 29, 2024 01:11

मिर्जापुर के जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश नए कानून वि.एन.एस. के तहत दिया गया...

Mirzapur News : मिर्जापुर के जिगना थाना प्रभारी शैलेश राय और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश नए कानून वि.एन.एस. के तहत दिया गया है। आरोप है कि थाना प्रभारी ने अवैध रूप से जमीन कब्जा कराने में मदद की। पीड़ित सभा शंकर दुबे ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की, जिसके बाद थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मी उनके घर घुसे और मारपीट और तोड़फोड़ की। यहां तक कि महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। पीड़ित के अधिवक्ता विष्णु सागर पांडेय ने न्यायालय में वाद दाखिल कर एफआईआर दर्ज करने और जांच कराने की मांग की थी।

पीड़ित ने लिया सीजेएम कोर्ट का सहारा
मामला जिगना थाना क्षेत्र के हड़गढ़ भौरूपुर गांव का है। सभा शंकर दुबे के खेत का एक मामला न्यायालय में कैंसिलेशन के लिए विचाराधीन था। इसके बावजूद, बिना किसी आदेश के थाना प्रभारी ने विपक्षी के साथ मिलकर खेत को जोतवा दिया। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस के उच्चाधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। निराश होकर वे सीजेएम कोर्ट गए। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़ित की प्रार्थना पर कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। यह जिले में नए कानून वि.एन.एस. के तहत पुलिस के खिलाफ पहला मुकदमा है।



पुलिस ने घर में घुसकर किया प्रताड़ित
पीड़ित के वकील ने बताया कि न्यायालय में बैनामा कैंसिलेशन का मुकदमा विचाराधीन होने के बावजूद, बिना किसी आदेश और राजस्व टीम के, थाना प्रभारी ने जबरदस्ती उनके मुवक्किल के विपक्षी से मिलकर खेत को जोतवाकर कब्जा करा दिया। जब पीड़ित ने शिकायत की, तो पुलिस ने उसके घर में घुसकर उसे प्रताड़ित किया। इस कारण पीड़ित को कई दिनों तक घर छोड़कर अपनी जान बचानी पड़ी। पुलिस विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अंत में थककर उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।

उप निरीक्षक सहित छह लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
सीजेएम संजीव त्रिपाठी ने आदेश देते हुए थाना प्रभारी, उप निरीक्षक सहित छह लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। यह जनपद में नए कानून वि.एन.एस. के तहत न्यायालय द्वारा पुलिस के विरुद्ध दिया गया पहला मुकदमा आदेश है। इस मामले ने स्थानीय स्तर पर काफी चर्चा छेड़ दी है और लोग न्यायपालिका के इस कदम की सराहना कर रहे हैं। यह घटना पुलिस विभाग के लिए एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि वे अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करें और कानून का पालन करें।

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