कुंदरकी विधानसभा का उपचुनाव : देरी के कारण आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार नामांकन से चूके, कल दाखिल करेंगे पर्चा 

UPT | आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी हाजी चांद बाबू व अन्य।

Oct 21, 2024 19:14

मुरादाबाद में कुंदरकी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए सोमवार को लेट लतीफी के चलते आज़ाद समाज पार्टी के प्रत्याशी चांद बाबू नामांकन नहीं करा पाए। अब वह मंगलवार को अपना पर्चा दाखिल करेंगे।

Moradabad News : कुंदरकी विधानसभा सीट के उपचुनाव में आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी हाजी चांद बाबू को नामांकन दाखिल करने में देरी के कारण वापस लौटना पड़ा। प्रस्तावक के समय पर न पहुंचने के चलते उनका नामांकन नहीं हो सका। अब उन्होंने मंगलवार को नामांकन दाखिल करने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिनमें से एक सीट कुंदरकी है। आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर ने हाजी चाँद बाबू को कुंदरकी सीट से उम्मीदवार बनाया है। सोमवार को हाजी चांद बाबू अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट में नामांकन के लिए पहुंचे थे। हालांकि, उनके प्रस्तावक समय पर न पहुंच सके, जिससे उनके नामांकन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।


समर्थकों के साथ 2 बजकर 45 मिनट पर कलेक्ट्रेट पहुंचे 
मीडिया से बातचीत के दौरान हाजी चांद बाबू ने बताया कि प्रस्तावकों की देरी की वजह से नामांकन सोमवार को नहीं हो सका, इसलिए वे अब मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे। नामांकन का समय दोपहर 3 बजे तक था, लेकिन हाजी चांद बाबू अपने समर्थकों के साथ 2 बजकर 45 मिनट पर कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस थोड़ी सी देरी के कारण नामांकन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

कुंदरकी सीट पर मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद 
समय से देरी की इस घटना को लेकर समर्थकों में चर्चा बनी रही। कई लोगों ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उम्मीदवार को अपने समय प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि समय की पाबंदी राजनीति में एक महत्वपूर्ण गुण माना जाता है। हाजी चांद बाबू के नामांकन की देरी ने चुनावी सरगर्मी को और बढ़ा दिया है, क्योंकि कुंदरकी सीट पर मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है। अब देखना होगा कि मंगलवार को उनके नामांकन के बाद चुनावी माहौल किस दिशा में जाता है और आजाद समाज पार्टी किस तरह से इस चुनावी लड़ाई में आगे बढ़ती है।

चुनाव आयोग द्वारा जारी समय सीमा के अनुसार, नामांकन दाखिल करने का अंतिम समय निर्धारित होता है, और प्रत्याशियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि वे सभी आवश्यक दस्तावेज और प्रस्तावक समय पर उपस्थित रहें। इस घटना ने यह भी रेखांकित किया है कि चुनावी प्रक्रिया में छोटी सी चूक भी महत्वपूर्ण हो सकती है, जो भविष्य की रणनीति के लिए एक सबक है। 

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