यूपी में हर साल बढ़ रहा साइबर अपराध : कहीं 120 करोड़ का फ्रॉड, तो किसी को कर लिया 'डिजिटल अरेस्ट', पढ़ें ऐसे ही चर्चित मामले

UPT | यूपी में हर साल बढ़ रहा साइबर अपराध

Jun 18, 2024 20:45

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आकड़ों के मुताबिक यूपी में हर साल साइबर क्राइम बढ़ रहा है। 2022-23 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम दर्ज किए गए हैं, इस दौरान प्रदेश में लगभग 2 लाख केस दर्ज हुए हैं...

Short Highlights
  • उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा साइबर क्राइम
  • एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ उड़ाए
  • प्रदेश में लगभग 2 लाख साइबर क्राइम के केस दर्ज
New Delhi : दुनिया में साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है। साइबर अपराधी लगातार लोगों लूटने के नए तरीकों से ठगी कर रहे हैं। कुछ दिनों से कस्टम विभाग का अधिकारी बनकर ठगी कर रहे हैं। इसके अलावा ऑनलाइन गिरफ्तारी के भी मामले सामने आए हैं। वहीं दूसरी तरफ अलावा विदेश से आए पैकेज या पार्सल में ड्रग्स या बच्चों के खिलाफ केस दर्ज की झूठी सूचना देकर फंसाते हैं। एनसीआरबी की (2023) रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश को देश में साइबर अपराध में आठवें स्थान पर रखा गया। लेकिन हाल ही में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधों में उत्तर प्रदेश में पहले स्थान पर है। यूपी में लगातार साइबर अपराध बढ़ता जा रहा है।

हर साल साइबर क्राइम में इजाफा
आपको बता दें कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आकड़ों के मुताबिक यूपी में हर साल साइबर क्राइम बढ़ रहा है। अंग्रेजी अखबार के मुताबिक यूपी में 2020 में साइबर अपराध के कुल 11,097 मामले सामने आए थे। वहीं 2021 में 8829 और 2022 में 10,117 मामले दर्ज किए गए। दूसरी तरफ लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें बताया गया है कि 2022-23 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम दर्ज किए गए हैं। इस दौरान प्रदेश में लगभग 2 लाख केस दर्ज हुए हैं। अजय कुमार की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 721.1 करोड़ रुपयों की ठगी की है।



यूपी की सबसे बड़ी साइबर ठगी
उत्तर प्रदेश से आज तक का सबसे बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। लखनऊ में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के खाते से 120 करोड़ की धनराशि एक ट्रस्ट के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। जानकारी मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया और बैंक से संपर्क के बाद मामले को लेकर साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद टीम ने सुराग जुटाते हुए गिरोह के सात सदस्यों को पकड़ने में सफलता हासिल की। लखनऊ साइबर टीम के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में दो गुजरात के अहमदाबाद और सूरत से हैं, जबकि पांच उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के रहने वाले हैं। इनसे और ज्यादा जानकारी जुटाई जा रही है।

वाराणसी में बड़ा साइबर क्राइम
वहीं कुछ महीने पहले वाराणसी से एक मामला सामने आया था, जिसमें तीन करोड़ 55 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई थी। यह वाराणसी का सबसे बड़ा साइबर क्राइम का मामला था। वाराणसी की रहने वाली रिटायर्ड शिक्षिका से तीन करोड़ 55 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई थी। इस मामले में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।

प्रतिष्ठित डॉक्टर को ठगा
मार्च 2024 में राजधानी लखनऊ के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर से ठगी का मामला सामने आया था। डॉक्टर से जालसाजों ने 2 करोड़ से अधिक की ठगी की थी। पद्म श्री से सम्मानित डॉक्टर ने साइबर सेल से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। डॉक्टर ने शिकायत में बताया कि वह एक वेल्थ मैनेजमेंट फर्म का विज्ञापन देखकर इसका सदस्य बना गया। मुझसे पैसे जमा करने को कहा और बताया कि आपके इतने पैसे अकाउंट में जमा हो रहे हैं। डॉक्टर के 2.27 करोड़ रुपये जमा हो चुके थे। इसके बाद और रकम जमा करने के लिए बोला गया तो डॉक्टर ने इंकार कर दिया। वह समझ चुका था कि उसके साथ फ्रॉड हुआ है।

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ट्रेडिंग के नाम पर पैसे ठगे
ऐसा ही एक मामला यूपी के नोएडा से आया है। पिछले साल 2023 में नोएडा के एक व्यक्ति से एक करोड़ 56 रुपये का फ्रॉड हो गया। ग्रेटर नोएडा के रहने वाले प्रवाल चौधरी से स्काई ऐप के माध्यम से संपर्क किया गया और ट्रेडिंग के नाम पर पैसे ठगे गए। साइबर अपराध पुलिस ने मामले की जांच की और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खाते में भेजे गए 80 लाख रुपये जब्त कर लिए और पीड़ित को वापस दे दिए।

CBI ऑफिसर बनकर डराया
एक मामला मार्च 2024 में  85 लाख रुपये की ठगी का सामना आया। लखनऊ की एक महिला के पैसे तो लूटे, साथ में उनको  'डिजिटल अरेस्टट' भी किया गया। डॉक्टर सौम्या को अंजान युवक फोन कर डराया कि उसका एक कार्गो पार्सल आया जिसमें  जाली पासपोर्ट, नकली एटीएम कार्ड तथा 140 ग्राम MDM ड्रग्स मिली है। महिला घबरा गई और  जालसाज की बातों में आ गई। आरोपी ने महिला डॉक्टर को  CBI ऑफिसर बनकर जेल भेजने की धमकी भी दी। इसके बाद वह सौम्या को 10 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा।

3 दिन घर में रखा बंद
प्रयागराज में जॉर्ज टाउन इलाके में काकोली दास नाम की बुजुर्ग महिला रहती हैं, जिनके पति की मौत हो चुकी थी। 23 अप्रैल 2024 को एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले शख्स ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। आरोपी ने कहा कि ताइवान से आपके नाम का पार्सल आया है, जिसमें 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग, 3 तीन क्रेडिट कार्ड और 5 लैपटॉप हैं। महिला बुरी तरह डर गई और अपने बैंक खाते की पूरी डिटेल कॉल करने वाले शख्स को दे दी। इस दौरान महिला के खाते से 1 करोड़ 48 लाख रुपये कट गए। आरोपी ने डीसीपी बनकर बुजुर्ग महिला को जांच के नाम पर घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी और वह तीन दिन तक अपने घर में बंद रहीं।

एआई के जरिए ठगी आसान
बता दें कि सेक्सटॉर्शन के नाम अनजान नंबरों से भेजे गए एसएमएस, व्हाट्सएप या मेल के जरिए प्राप्त लिंक पर क्लिक करके वे इन शातिरों का शिकार बन रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में सबसे अधिक धोखाधड़ी सेक्सटॉर्शन और दोस्ती के नाम पर हुई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर भी धोखाधड़ी की जा रही है। ऑनलाइन धोखाधड़ी और एटीएम क्लोनिंग के साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के फर्जी वीडियो से धमकाकर वसूली की जा रही है। ये अपराध युपी के मथुरा और नोएडा में ज्यादा हो रहे हैं।  एआई के जरिए वॉयस क्लोनिंग कर लोगों से ठगी की घटनाओं में भी काफी इजाफा हुआ है।

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