14 करोड़ का घटिया फ्लैट, पजेशन में देरी! पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को भी नहीं छोड़ा, इस बिल्डर पर आरोप...

UPT | पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह

Jul 09, 2024 17:37

पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने आरोप लगाया है कि उनसे 14 करोड़ का फ्लैट बुक कराकर घटिया निर्माण किया गया। पजेशन में भी दो साल की देरी हुई। युवराज सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 

New Delhi : एनसीआर के बिल्डरों के आए दिन नए किस्से सामने आते रहते हैं। अब पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने आरोप लगाया है कि उनसे 14 करोड़ का फ्लैट बुक कराकर घटिया निर्माण किया गया। पजेशन में भी दो साल की देरी हुई। युवराज सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 

अदालत ने बिल्डर से जवाब मांगा
जस्टिस हरि शंकर ने याचिका पर सुनवाई की। भारत को 2011 में वर्ल्ड कप जितवाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह ने अदालत से मांग की है कि विवाद के निपटारे के लिए आर्बिट्रेटर की नियुक्ति की जाए। याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को रियल स्टेट कंपनी को नोटिस जारी कर दिया। कोर्ट ने  ब्रिलियंट एटोइल प्राइवेट लिमिटेड से जवाब मांगा है। 

ये हैं युवराज सिंह के आरोप 
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, युवराज सिंह ने दिल्ली के हौज खास में इस कंपनी का फ्लैट साल 2021 में बुक किया था। युवराज ने आरोप लगाया कि रियल स्टेट कंपनी ने उन्हें फ्लैट देने में देरी की। निर्माण कार्य की गुणवत्ता भी खराब है।  तब कीमत 14.10 करोड़ रुपए बताई गई थी। पूर्व क्रिकेटर को नवंबर 2023 में पजेशन दिया गया। जब वह प्रॉपर्टी को देखने पहुंचे तो गुणवत्ता ठीक नहीं थी। याचिका में कहा गया है कि बिल्डर ने गुणवत्ता से समझौता किया और फिटिंग, लाइटिंग आदि खराब लगाई गई हैं। उन्होंने देरी से डिलीवरी और घटिया निर्माण के लिए क्षतिपूर्ति की मांग की है। युवराज सिंह की तरफ से वकील रिजवान ने दलीलें पेश कीं।

पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन
पूर्व क्रिकेटर ने रियल स्टेट कंपनी पर पर्सनैलिटी राइट्स के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। याचिका में कहा गया है कहा कि डवलेपर ने उनकी ब्रैंड वैल्यू का दुरुपयोग किया है। उन्होंने एमओयू की शर्तों के उल्लंघन की बात कही है। उनका आरोप है कि प्रोजेक्ट को प्रमोट करने के लिए बिल्डर की ओर से अब तक उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल बिलबोर्ड, प्रोजेक्ट साइट, सोशल मीडिया और आर्टिकल आदि में किया जा रहा है। नवंबर 2023 में एमओयू की अवधि खत्म होने के बाद उनका चेहरे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था। इस बारे में अब तक रियल स्टेट कंपनी की प्रतिक्रिया नहीं आई है।
 

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