सपा ने गाजीपुर से अफजाल अंसारी को टिकट दिया : घोषित 27 प्रत्याशियों में 2 मुसलमान, एक वेंटिलेटर और दूसरा सशर्त जमानत पर

फ़ाइल फोटो | अखिलेश यादव और अफजाल अंसारी

Feb 19, 2024 17:34

सपा ने सोमवार को 11 और प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इसमें गाजीपुर से अफजाल अंसारी को टिकट दिया है। अफजाल ने बसपा से त्याग पत्र नहीं दिया है और...

Short Highlights
  • मुख़्तार अंसारी के भाई अफ़ज़ाल अंसारी को गाजीपुर से प्रत्याशी बनाया गया है
  • सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर लम्बे समय से मंथन चल रहा है

 

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी 'लव-हेट' की स्थिति पर पहुंच गई है। गठबंधन कभी भी दरक सकता है। इन हालातों के बीच सपा ने सोमवार को 11 और प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची में अप्रत्याशित रूप से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी का नाम है। अफजाल को गाजीपुर से प्रत्याशी बनाया गया है। खास बात यह है कि उन्होंने बसपा से त्याग पत्र नहीं दिया है और न ही सपा की पुनः सदस्यता ली है। पार्लियामेंट्री रिकॉर्ड में वह बीएसपी के सांसद हैं।

लटका हुआ है सपा-कांग्रेस का गठबंधन
सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर लम्बे समय से मंथन चल रहा है। कांग्रेस की सपा से क्या बात हो रही है? यह खुलासा नहीं हो रहा है, लेकिन सपा की ओर से ताबड़तोड़ रिएक्शन दिया जा रहा है। एक पखवाड़े पहले 16 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई। फिर सपा मुखिया ने राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने की घोषणा की और फिर इंकार कर दिया। इसके कुछ घंटों बाद 11 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई है।

अपराधियों पर अखिलेश का यू-टर्न 
इस सूची में गाजीपुर से अफजाल अंसारी का नाम है। सपा की राजनीति पर दृष्टि डालिये तो 2012 में तभी पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी, जब अखिलेश यादव ने नई सपा में अपराधियों, माफिया का स्थान न होने का ऐलान किया था। डीपी यादव, अतीक अहमद और मुख़्तार अंसारी के परिवार को सपा में लेने से इंकार कर दिया था। सपा परिवार में जब रार छिड़ी तो एक कारण अंसारी परिवार को सपा में लेने से इंकार भी था। उस समय शिवपाल यादव अंसारी परिवार को सपा में लेने की पैरवी भी कर रहे थे। अखिलेश के इंकार से युवाओं में उनकी लोकप्रियता टॉप पर पहुंच गई थी। लेकिन 2014 में अखिलेश यादव 2012 की नीति के विपरीत चले गए। उनका राजनितिक ग्राफ गिरता गया। अब कांग्रेस के साथ गठबंधन के अंतिम रूप लेने से पहले 27 प्रत्याशी घोषित किये जा चुके हैं। लिहाजा, समीकरण कौन सी करवट लेगा, यह समय बताएगा।

अपराधी आएंगे तो सपा की छवि खराब होगी 
मौजूदा स्थितियों पर राजनीतिक विश्लेषक राजेंद्र गौतम कहते हैं, "अपराधियों से दूरी सपा ने शुरू की थी। जिसके आधार पर युवा सपा से जुड़ा था। अब जब अपराधी उन्मूलन भाजपा की शक्ति है तो इसका प्रभाव पड़ने से बच नहीं सकता है। इस माहौल में माफिया छवि के लोग सपा में वापसी करेंगे तो सन्देश अच्छा तो नहीं जाएगा।" इसके समांतर दूसरा मुद्दा भी उठ रहा है। सपा को इंटेलेक्चुअल मुसलमानों से गुरेज है। बाहुबली परिवार से गलबहियां की जा रही है। मुख़्तार अंसारी के भाई अफ़ज़ाल अंसारी को गाजीपुर से प्रत्याशी बनाया गया है। अब तक घोषित 27 प्रत्याशियों में दो मुसलमान हैं। एक वेंटिलेटर पर है और दूसरा सशर्त जमानत लेकर बैठा हुआ है। क्या ऐसे मुसलमानों से समाजवादी पार्टी का भला हो पाएगा।

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