नीट पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी : पेपर तो लीक हुआ है, दलीलों से इसे छिपा नहीं सकते

UPT | Supreme Court

Jul 08, 2024 15:49

इन याचिकाओं में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) की पांच मई को हुई परीक्षा में गड़बड़ी और कदाचार का आरोप लगाया गया था और इसे रद्द कर फिर से आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था...

New Delhi News :  ‘नीट-यूजी’ 2024 को रद्द करने की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट का काफी सख्त रूप दिखा। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले में दायर कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। सुनवाई करते हुए कहा गया कि पेपर तो लीक हुए हैं, हम इससे इनकार नहीं कर सकते। 

23 लाख छात्रों के भविष्य की बात 
कोर्ट ने कहा कि हम लीक की प्रकृति पर विचार कर रहे हैं। सीजेआई ने कहा, "लीक पर विवाद नहीं किया जा सकता। हम इसके परिणामों पर भी विचार कर रहे हैं। हम एक आदर्श दुनिया में नहीं रहते हैं, लेकिन दोबारा परीक्षा पर निर्णय लेने से पहले, हम जानते हैं कि हम 23 लाख छात्रों के भविष्य की बात कर रहे हैं।" कोर्ट ने कहा कि हम पूरी प्रक्रिया जानना चाहते हैं। दूसरी मामले में दर्ज एफआईआर की प्रकृति और पेपर लीक कैसे फैला इसकी भी जानकारी चाहते हैं। सीजेआई ने पूछा कि केंद्र और एनटीए ने गलत काम करने वालों की पहचान करने के लिए अब तक क्या-क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की कि जिस किसी ने भी परीक्षा के नियमों का उल्लंघन किया है, उसे वहां रहने का कोई अधिकार नहीं है। हम जानना चाहते हैं कि सरकार ने इस बावत क्या कदम उठाए हैं।

पेपर रद्द से ईमानदार अभ्यर्थियों पर ‘‘गंभीर असर’’ 
इन याचिकाओं में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) की पांच मई को हुई परीक्षा में गड़बड़ी और कदाचार का आरोप लगाया गया था और इसे रद्द कर फिर से आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इस परीक्षा को रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों पर ‘‘गंभीर असर’’ पड़ सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने NTA को परीक्षा रद्द करने से रोकने का अनुरोध करने वाली गुजरात के 50 से अधिक सफल परीक्षार्थियों की याचिका पर भी सुनवाई की। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करती है। इस साल पांच मई को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 23 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

प्रश्न पत्र लीक समेत अनियमितताओं के आरोपों को लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया। परीक्षा में गड़बड़ी के संबंध में अदालतों में भी कई मामले दायर किए गए। 

 

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