यूपी में सपा विधायक के बयान पर राजनीतिक हलचल : ओपी राजभर ने दी चुनौती, बीजेपी ने किया पलटवार

UPT | सपा विधायक

Sep 30, 2024 15:51

उत्तर प्रदेश के अमरोहा से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक महबूब अली के हालिया विवादित बयान ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है।

Amroha News : उत्तर प्रदेश के अमरोहा से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक महबूब अली के हालिया विवादित बयान ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। महबूब अली ने मुस्लिमों की बढ़ती आबादी को लेकर टिप्पणी की, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

बयान पर राजनीतिक हलचल
भाजपा के फायरब्रांड नेता संगीत सोम ने महबूब अली के बयान का कड़ा जवाब देते हुए कहा कि "महबूब अली पिद्दी न पीड़ा का सोरबा" हैं। उन्होंने दावा किया कि वे पहले भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि गजवाए हिंद क्या है। सोम ने कहा, "आबादी बढ़ने का डर दिखाने वाले लोगों को गारंटी के साथ कहता हूं कि वे सड़क पर 'राम राम' करते नजर आएंगे। हमने मुगलों को भगाया, महबूब अली ने नहीं।" उन्होंने आगे कहा कि "इस मुग़ल को भी भगाया जाएगा," और ओवैसी और महबूब अली के मंसूबों को नाकाम करने का विश्वास जताया। 



गलतफहमी को दूर करने की आवश्यकता : संगीत सोम
संगीत सोम ने इस बयान में कहा, "आबादी कितनी बढ़ जाए, चूहे चूहे ही रहेंगे और शेर शेर ही रहेंगे।" उन्होंने महबूब अली को सलाह दी कि वे "इंशा अल्लाह" नहीं, बल्कि "जय श्रीराम" बोलें। सोम ने यह भी कहा कि 2027 में भाजपा फिर से सत्ता में आएगी, और अखिलेश यादव की गलतफहमी को दूर करने की आवश्यकता है।

ओपी राजभर ने दी चुनौती
वहीं, ओपी राजभर ने अम्बेडकरनगर में महबूब अली को चुनौती देते हुए कहा कि "गुलामी करना बंद करें, महबूब अली अपने समाज के दुश्मन हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव को एक बार मुसलमान को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। राजभर ने सपा विधायक पर आरोप लगाया कि सुहेलदेव ने मुगलों को जमीन में दफना दिया था। 

बीजेपी ने किया पलटवार
इस बीच, बिजनौर पुलिस प्रशासन ने महबूब अली के विवादित बयान का संज्ञान लेते हुए उनके और कार्यक्रम संयोजक शेख जाकिर हुसैन के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई संविधान मानव स्तंभ दिवस कार्यक्रम के दौरान महबूब अली द्वारा दिए गए बयान के संबंध में की गई है। राजनीतिक हलचल के इस माहौल में, सपा विधायक के बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसके परिणामस्वरूप सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दृष्टिकोण को पेश किया है। इस मामले को लेकर आगे की कानूनी कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं देखना दिलचस्प होगा।

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