महाकुम्भ 2025 : भूले-भटकों को मिलाने के लिए विशेष शिविर की व्यवस्था, खोयी बेटी को मां से मिलाया

UPT | महाकुम्भ 2025

Jan 13, 2025 14:08

अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ से आए शिवम और युवराज भूला-भटका शिविर में पहुंच गए हैं। वहां श्याम शर्मा आपका इंतजार कर रहे हैं। आप जहां भी हैं, वहां तैनात पुलिसकर्मी से मार्ग पूछकर तुरंत शिविर में पहुंचें...

Prayagraj News : अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ से आए शिवम और युवराज भूला-भटका शिविर में पहुंच गए हैं। वहां श्याम शर्मा आपका इंतजार कर रहे हैं। आप जहां भी हैं, वहां तैनात पुलिसकर्मी से मार्ग पूछकर तुरंत शिविर में पहुंचें। इसी तरह एक अनाउंसमेंट में कहा गया कि पिंकी की मम्मी जहां भी हों, कृपया ब्रिज नंबर 1 पर आ जाएं। महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर संगम तट से लेकर सभी घाटों तक ऐसी ही घोषणाएं गूंजती रहीं। कुछ देर बाद इन अनाउंसमेंट्स की मदद से अपनों से बिछड़े लोग फिर एक-दूसरे से मिल जाते हैं।

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घाटों के किनारे लगे लाउडस्पीकर
प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं की सहायता के लिए बनाए गए भूला-भटका शिविरों से लगातार इस तरह की घोषणाएं होती रहीं। सोमवार को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के दौरान घाटों के किनारे लगे लाउडस्पीकर से लगातार आवाजें गूंजती रहीं। इन घोषणाओं ने उन लोगों को बड़ी राहत दी जो मेले की भीड़ में अपने परिवार या साथ आए लोगों से बिछड़ गए थे। लाउडस्पीकर की मदद से कई लोग अपने प्रियजनों से फिर से मिल सके।

सभी घाटों पर अनाउंसमेंट, तुरंत मिल रही राहत
महाकुम्भ मेला प्रशासन ने मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भूले भटके लोगों के लिए शिविर और भूली भटकी महिलाओं और बच्चों के शिविर बनाया है। पौष पूर्णिमा के स्नान पर जुटी भीड़ के दौरान परिवार से बिछड़ने वाले लोगों के लिए ये शिविर मददगार साबित होते रहे। स्नान पर्व के दौरान लगातार भूले भटके लोगों के नामों की लाउडस्पीकर के माध्यम से उद्घोषणा होती रही। सभी घाटों पर इस तरह के शिविर बनाए गए हैं और बड़ी संख्या में लाउड स्पीकर स्थापित किए गए हैं, जिससे दूर तक और पूरी स्पष्टता के साथ आवाज पहुंच रही है। इन अनाउंसमेंट को सुनकर लोग अपनों तक तुरंत पहुंच पा रहे हैं। उनकी मदद को घाटों पर तैनात पुलिस बल भी पूरी मदद कर रहा है।

संचालित किए जा रहे खोया पाया केंद्र
सामाजिक एकता के महापर्व महाकुम्भ के पहले स्नान पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या संगम में डुबकी लगाने पहुंची। पूरे देश और पूरी दुनिया से संगम में डुबकी लगाने पहुंचे लोग दिव्य, भव्य और सुव्यवस्थित कुम्भ में हिस्सेदारी करते हुए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभूति से अभिभूत दिखे। हालांकि, महाकुम्भ जैसे बड़े आयोजनों में लोगों का बिछड़ जाना आम बात है। इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मेला प्रशासन की ओर से घाटों पर ही इसकी व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद यदि कोई बिछड़ा अपने परिजनों से नहीं मिल पाता है तो फिर इसके लिए खोया-पाया केंद्र भी बनाए गए हैं, जहां डिजिटल और सोशल मीडिया टूल्स की मदद से लोगों को खोजने के प्रयास होते हैं।

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