बीएचयू से बड़ी खबर : कुलपति ने 94 शिक्षकों को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला

UPT | काशी हिंदू विश्वविद्यालय।

Jun 08, 2024 01:47

आईएमएस बीएचयू में सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक का चौथा तल और पांचवां आधा तल हृदय रोगियों के लिए आवंटित करने की मांग को लेकर 11 मई से प्रोफेसर ओमशंकर ने अपने विभाग में अनशन किया था।

Varanasi News : बीएचयू से बड़ी खबर सामने आ रही है। बीएचयू के कुलपति ने 94 शिक्षकों को नोटिस जारी किया है। साथ ही एक सप्ताह में सभी से जवाब मांगा है। कुलपति ने यह कार्रवाई आईएमएस बीएचयू के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओमशंकर के अनशन का समर्थन पर की है। इन लोगों ने कुलपति को पत्र लिखकर प्रो. ओमशंकर का अनशन खत्म कराने और मरीजों के हित में जल्द से जल्द फैसला लेने की अपील की थी। इसको विश्वविद्यालय के नियमों के विपरीत मानते हुए यह कार्रवाई की गई है। खास बात यह है कि नोटिस पाने वालों में आईएमएस के अलावा बीएचयू के अन्य संकायों के प्रोफेसर और शिक्षक भी शामिल है।

आईएमएस बीएचयू में सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक का चौथा तल और पांचवां आधा तल हृदय रोगियों के लिए आवंटित करने की मांग को लेकर 11 मई से प्रोफेसर ओमशंकर ने अपने विभाग में अनशन किया था। 20 दिन तक (30 मई 2024) चले अनशन के दौरान सपा, कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक संगठनों के साथ ही बीएचयू और आईआईटी के शिक्षकों, विद्यार्थियों ने समर्थन किया था। 

इस बीच आईएमएस बीएचयू के डॉक्टरों, बीएचयू के विधि संकाय, महिला महाविद्यालय सहित अन्य संकायों के 94 शिक्षकों ने 20 मई को कुलपति को एक पत्र देकर प्रोफेसर ओमशंकर के खराब होते जा रहे स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अनशन खत्म कराने की अपील की थी। इसमें उन्होंने विशेष कर कोरोना के बाद हृदय रोग के बढ़ने और पूर्वांचल के मरीजों के लिए बीएचयू अस्पताल को बेहतर सुविधाओं वाला अस्पताल बताया था। बीएचयू के डिप्टी रजिस्ट्रार विजिलेंस एंड काँफिडिशियल सेक्शन ने 6 जून को सभी शिक्षकों को नोटिस जारी कर एक सपताह में यह जवाब मांगा है कि कुलपति को दिए गए पत्र पर उनके हस्ताक्षर हैं कि नहीं।

शिक्षकों ने आईएमएस निदेशक के आठ मार्च 2024 के उस पत्र का भी हवाला दिया था। जिसमें उन्होंने प्रो. ओमशंकर को एसएसबी का चौथा तल, पांचवा आधा तल मरीजों के लिए देने की बात लिखी थी। उस पर निदेशक के हस्ताक्षर, आईएमएस के डीन की भी साइन थी। इसमें निदेशक ने एमएस को तत्काल कार्रवाई की बात भी कही थी। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नोटिस जारी करने को लेकर शिक्षकों में नाराजगी है। शुक्रवार की शाम तक एक-एक कर सभी को नोटिस मिलने लगा। इधर जैसे ही नोटिस आया, सब शिक्षक एक दूसरे से पूछने लगे। बातचीत में शिक्षकों का कहना है कि मरीजों के हित में अगर कुलपति को पत्र देकर अपील किया गया तो यह कोई गलत नहीं है। इस पर नोटिस जारी करना गलत है। अब शिक्षक विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले के विरोध में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। अगले एक दो दिन में शिक्षक अधिकारियों से मिलकर इस पर आपत्ति जताने की तैयारी में भी हैं। 

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