काशी में कौस्तुभ जयंती समारोह : मनाई जाएगी बीएचयू की 75वीं वर्षगांठ, 22 अगस्त को होगा आयोजन

UPT | संकाय प्रमुख संगीता पंडित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए

Aug 20, 2024 19:55

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संगीत एवं मंचकला संकाय ने अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। इस विशेष अवसर को यादगार बनाने के लिए 22 अगस्त को पंडित ओंकारनाथ ठाकुर सभागार में "कौस्तुभ जयंती" का भव्य आयोजन किया जाएगा।

Varanasi News : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संगीत एवं मंचकला संकाय ने अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। इस विशेष अवसर को यादगार बनाने के लिए 22 अगस्त को पंडित ओंकारनाथ ठाकुर सभागार में "कौस्तुभ जयंती" का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री सुधीर कुमार जैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। साथ ही, केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष और संगीत नाटक अकादमी सम्मान से सम्मानित डॉ. संध्या पुरेचा भी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए बनारस घराने के सुप्रसिद्ध गायक कलाकार पद्मभूषण पंडित साजन मिश्र भी मौजूद रहेंगे।

संगीत एवं मंचकला संकाय का योगदान
संगीत एवं मंचकला संकाय की स्थापना के बाद से ही इसने संगीत जगत में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। संकाय की अध्यक्ष और गायन विभाग की प्रमुख, प्रोफेसर संगीता पंडित ने बताया कि कौस्तुभ जयंती में संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कई महान व्यक्तित्वों को याद किया जाएगा। इनमे पद्मश्री पंडित ओंकारनाथ ठाकुर, पद्मश्री पंडित बलवंत राय भट्ट, प्रोफेसर प्रेमलता शर्मा, पद्मभूषण एन. राजम, पंडित चित्तरंजन ज्योतिषी, पद्मश्री राजेश्वर आचार्य, पद्मश्री पंडित ऋत्विक सान्याल, और पद्मश्री सोमा घोष जैसी हस्तियां शामिल हैं। 



कार्यक्रम की आयोजन समिति
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन संकाय की अध्यक्ष प्रोफेसर संगीता पंडित की देखरेख में किया जा रहा है। उनके साथ संयोजक और प्रोफेसर प्रवीण उद्धव, सह-संयोजक वाद्य विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर बिरेन्द्र नाथ मिश्र, और नृत्य विभाग की अध्यक्ष डॉ. विधि नागर शामिल हैं। इसके अलावा संकाय परिवार के सभी शिक्षक, संगीतज्ञ, और गणमान्य अतिथि भी इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे।

संगीत जगत के लिए विशेष अवसर
कौस्तुभ जयंती का यह समारोह न केवल बीएचयू के संगीत एवं मंचकला संकाय के गौरवशाली इतिहास का जश्न है, बल्कि यह भविष्य की नई पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। इस अवसर पर संकाय के पूर्व छात्रों और वर्तमान विद्यार्थियों के साथ-साथ देश भर के संगीत प्रेमियों को भी शामिल होने का मौका मिलेगा, जिससे भारतीय संगीत और संस्कृति को और अधिक समृद्ध किया जा सके।

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