ममता का 'वाम और राम' वाला बयान निंदनीय : स्वामी जितेंद्रानंद बोले- राजनीति के क्षेत्र में अत्यंत निम्न स्तर की हरकत

UPT | स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज

Aug 16, 2024 20:58

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वाम और राम का बयान दिया है। जिसे लेकर वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति ने विरोध किया है। जिसमें कहा कि राम हमारे आराध्य है। ममता बनर्जी के बयान को घोर निंदनीय बताया है।

Varanasi News : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए 'वाम और राम' बयान ने वाराणसी में संतों के बीच गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। यह विवाद कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए कथित गैंगरेप और हत्या की घटना के बाद उत्पन्न हुआ है।

कोलकाता के प्रतिष्ठित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना पूरे देश में आक्रोश का कारण बनी है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई जब आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना हुई।

ममता बनर्जी का बयान 
इस संवेदनशील स्थिति के बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक विवादास्पद बयान दिया जिसमें उन्होंने 'वाम और राम' शब्दों का प्रयोग किया। यह टिप्पणी तत्काल ही विवाद का केंद्र बन गई, विशेष रूप से धार्मिक समुदायों के बीच।

वाराणसी के संतों ने आपत्तिजनक बताया
वाराणसी में, अखिल भारतीय संत समिति ने ममता बनर्जी के बयान के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है। समिति के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि भगवान राम उनके आराध्य देव हैं और मुख्यमंत्री की टिप्पणी अत्यंत आपत्तिजनक है।

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती की प्रतिक्रिया 
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने ममता बनर्जी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "ममता जी बेशक राजनीति करें, पक्ष-विपक्ष की बात करें, आरोप-प्रत्यारोप करें, लेकिन धार्मिक मामलों और संतों के धर्म को इसमें न घसीटें।"

स्वामी जितेंद्रानंद ने आगे कहा, "राम समस्त सृष्टि के ब्रह्म हैं। एक बलात्कार के मामले में राम का नाम घसीटना राजनीति के क्षेत्र में अत्यंत निम्न स्तर की हरकत है। ऐसे लोगों का राजनीति में होना ही दुखद है। यह सोचकर ही घृणा होती है कि करोड़ों लोगों के आराध्य को इस तरह राजनीति में खींचा जा रहा है।"

निष्पक्ष जांच कराने की मांग
संत समुदाय ने मुख्यमंत्री से अपने पद से इस्तीफा देने और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनका मानना है कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक लाभ लेने के बजाय, न्याय और सत्य की तलाश पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

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