Madan Mohan Malviya : नहीं मानीं मुश्किलों से हार, बेहतर शिक्षा के लिए बनाई बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी

Uttar Pradesh Times | Banaras Hindu University

Dec 25, 2023 14:40

भूमि पूजन पर पांच लाख गायत्री मंत्रो का जाप महामना द्वारा कराया गया था। बीएचयू आइटी के पहले प्रोफ़ेसर चार्ल्स ए किंग को बनाया गया जो एक इतिहास हैं। 

Varanasi News : भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय जी की जयंती आज पूरा देश आज मना रहा है। 25 दिसंबर 1861 को प्रयाग में जन्मे महामना ने देश के कल्याण और बेहतर शिक्षा के लिये काशी हिन्दू विश्वविधालय की स्थापना का संकल्प लिया था। मजबूत इरादों से उन्होंने दान और सहयोग से मिली राशि से 1916 में विदेशी शासन के होने के बावजूद भी पूर्ण किया। बीएचयू परिसर 1360 एकड़ में फैला है। शोध पत्रों में सामने आया कि उस समय 11 गांव, 70 हजार के करीब पेड़,100 पक्का कुआ, 20  कच्चा कुआ ,40 के करीब पक्का मकान, 860 कच्चा मकान एक मंदिर और एक धर्मशाला उस समय महामना को मिला था। मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र कि शोध में ऐसे कई तथ्य सामने आए।

गायत्री मंत्र के जाप से गूंज उठा था परिसर
1896 में एनी बेसेंट ने सेंट्रल हिन्दू स्कूल बना दिया था। महामना और एनी बेसेंट का सपना था कि एक ऐसे विश्वविद्यालय की नींव रखी जाए, जिससे नए भारत का सृजन हो। 1905 में कुंभ मेले के दौरान प्रस्ताव सभी के सामने लाया गया। सरकार को उस समय एक करोड़ रुपए जमा करने थे। भिक्षाटन और सहयोग के जरिए 1915 में पूरा पैसा जमा कर दिया गया।  भूमि पूजन पर पांच लाख गायत्री मंत्रो का जाप महामना द्वारा कराया गया था। बीएचयू आइटी के पहले प्रोफ़ेसर चार्ल्स ए किंग को बनाया गया जो एक इतिहास हैं। 

शिमला में भी बनाने चाहते थे बीएचयू 
पहले बीएचयू की नींव सामने घाट की ओर डालने की योजना थी। लेकिन बाढ़ग्रस्त क्षेत्र होने की वजह से स्थान बदल दिया गया। देश भर से आए विद्वानों के बीच बीएचयू की पहली ईट रखी गई। मालवीय जी का सपना बीएचयू को लेकर काफी दूरदर्शी था। वो चाहते थे कि शिमला में भी बीएचयू की तरह यूनिवर्सिटी खोला जाए। दरभंगा नरेश उस समय चाहते थे कि संस्कृत यूनिवर्सिटी शारदा विद्यापीठ के नाम से बने एनी बेसेंट चाहती थी यूनिवर्सिटी आफ इंडिया नाम दिया जाये।

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