Varanasi News : रामनगर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में चुनाव के लिए बवाल, दो पक्ष आमने-सामने...

UPT | रामनगर गुरुद्वारा के संगत के सदस्य।

Oct 04, 2024 13:27

रामनगर के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव कराने की मांग को लेकर दो पक्ष आमने सामने आ गए हैं। एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर अनियमितता एवं भ्रष्टचार का आरोप लगाया है। इसको लेकर रामनगर के गुरुद्वारा में गुरुजित सिंह ने...

Varanasi News : रामनगर के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव कराने की मांग को लेकर दो पक्ष आमने सामने आ गए हैं। एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर अनियमितता एवं भ्रष्टचार का आरोप लगाया है। इसको लेकर रामनगर के गुरुद्वारा में गुरुजित सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेस किया। इस दौरान लोगों ने गुरुद्वारा में चुनाव कराने की मांग की। गुरुजित के समर्थकों ने आरोप लगाया कि पिछले चार सालों से किसी प्रकार का कोई हिसाब नहीं दिया जा रहा है। जो धांधली की जा रही है, उसी को छुपाने के लिए चुनाव नहीं कराया जा रहा है। इसमें लाखों का गबन किया जा रहा है।

हर हाल में होना चाहिए चुनाव
रामनगर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गुरुजित सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा में 2010 से लगातार नियमित रूप से बिना व्यवधान के चुनाव हो रहा था। जिसमें गुरुद्वारा कमेटी के 98 सदस्य अपने विवेक, मन से अध्यक्ष चुनते थे। पिछले दो सालों से चुनाव नहीं कराया जा रहा है। जबकि दूसरा पक्ष अपने 70 सदस्यों को अपने पक्ष में बताता है, फिर भी चुनाव नहीं करा रहे हैं। गुरुजित सिंह ने कहा कि चुनाव में हमारी हार होगी तो मुझे कबूल है, लेकिन चुनाव कराए जाएं।

सरदार दलबीर के लोगों की मंशा सही नहीं 
गुरुजित सिंह ने बताया कि दूसरे पक्ष के सरदार दलबीर सिंह के लोगों की मंशा सही नहीं है। जब कमेटी द्वारा दो प्रधानों को चुना गया तो सबको लगा कि अब सब लोग आपसी सामंजस्य के साथ काम करेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ। बीते कई वर्षों से चली आ रही परंपरा को आज गुरुद्वारा के मुट्ठी भर लोगों द्वारा समाप्त किया जा रहा है। इसे हम सिक्ख संगत के लोग होने नहीं देंगे, चाहें इसके लिए हमें कोई कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। न जाने किन कारणों से गुरुद्वारा के निवर्तमान अध्यक्ष चुनाव करवाने से भाग रहे हैं। 

चुनाव न कराना ही विवाद की जड़
गुरुद्वारा संगत के सदस्य कवलजित ने बताया कि गुरुद्वारे में कुछ दिन पहले मीटिंग हुई थी। जिसमें दो मुख्य सेवादारों को चुना गया था। जिसमें एक पक्ष दूसरे पक्ष के सेवादार को मानने से इनकार कर रहा है। जिसको लेकर आज मीटिंग रखी गई है कि हम लोग इस गलत चीज को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि दो सेवादारों को चुनने के बाद अरदास की गई थी, जिसमें दोनों पक्ष के लोग शामिल थे। अगर ये लोग नहीं मनाना चाहते हैं तो चुनाव कराया जाए। उसमें जो जीतता है, वही अध्यक्ष बनाकर आगे काम करें, जिसमें सबका साथ रहेगा। चुनाव न करवाना ही विवाद का सबसे बड़ा कारण है। जिस दिन चुनाव हो जाएगा, सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। कवलजीत ने बताया कि धार्मिक स्थान पर अगर कोई आर्थिक रूप से मदद करता है तो वह जानना चाहता है कि उसके किए हुए मदद का उपयोग कहां किया गया है। अगर वह पिछले 4 सालों से अपना हिसाब किताब चस्पा करते तो आज यह समस्या खड़ी नहीं होती।

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