दिवाली से पहले सीएम योगी का संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ : गुरुकुल शिक्षा और संस्कृत में शोध को मिला बढ़ावा

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ प्रोग्राम में शामिल हुए

Oct 27, 2024 16:33

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिवसीय दौरे पर रविवार को वाराणसी पहुंचें। इस दौरान उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रदेश के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया।

Varanasi News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रदेश के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए एक नई छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के 69,195 संस्कृत विद्यार्थियों को ₹586 लाख की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में 12 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र सौंपकर इस योजना की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में संस्कृत भाषा को विज्ञान, तकनीकी और जीवन मूल्यों से जोड़ने पर जोर दिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संस्कृत भाषा मानवता और विज्ञान की भाषा है, जो कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भी लाभकारी है।

संस्कृत के विकास और संरक्षण के लिए नई पहल
मुख्यमंत्री ने संस्कृत भाषा को आधुनिक तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में उपयोगी बताते हुए इसे संरक्षण और संवर्धन की दिशा में नए कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा की अनूठी विशेषताएं हैं, जो इसे विज्ञान और तकनीक के लिए सरल और प्रभावी बनाती हैं। प्रदेश सरकार की ओर से संस्कृत विद्यालयों में गुरुकुल पद्धति को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि इस भाषा का संरक्षण किया जा सके और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जा सके। इस योजना के तहत गुरुकुल शिक्षा पद्धति को फिर से स्थापित करने का भी संकल्प लिया गया है।



नि:शुल्क छात्रावास और भोजन की व्यवस्था पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि संस्कृत विद्यालयों में नि:शुल्क छात्रावास और भोजन की सुविधा देने वाले संस्थानों को विशेष सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे गुरुकुल संस्थानों को अच्छे आचार्यों की नियुक्ति की स्वतंत्रता भी दी जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत शिक्षा को प्रदेशभर में व्यापक रूप से बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने का फैसला किया है।

संस्कृत में विशिष्ट शोध को मिलेगा समर्थन
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संस्कृत भाषा में विशिष्ट शोध को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्थापित वैदिक विज्ञान केंद्र के माध्यम से संस्कृत में शोध कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए शोध करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी दी जाएगी ताकि वे आर्थिक बोझ से मुक्त होकर अपने अनुसंधान कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और भारत के वैदिक ज्ञान को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है, और संस्कृत विद्यार्थी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का आह्वान
मुख्यमंत्री ने संस्कृत साहित्य को देश की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि यह भारतीय संस्कृति और मूल प्रतिभा को जीवंत रखता है। उन्होंने विद्यार्थियों से संस्कृत को केवल धार्मिक भाषा के रूप में देखने की बजाय इसे विज्ञान, तकनीक और सामाजिक समस्याओं के समाधान के एक सशक्त माध्यम के रूप में अपनाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अतिरिक्त मानदेय के आधार पर नियुक्ति करेगी ताकि छात्रों को गुणवत्ता शिक्षा मिल सके।

संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता की आवश्यकता
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार संस्कृत शिक्षा को लेकर पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने सभी संस्कृत विद्यार्थियों के बैंक खाते खुलवाने का भी निर्देश दिया ताकि छात्रवृत्ति का लाभ सीधे और सुरक्षित रूप से मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि वाराणसी में चल रहे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और परंपराओं को छात्रों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, जिससे वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें और संस्कृत भाषा के विकास में योगदान दे सकें।

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