काशी विश्वनाथ के नाम पर फर्जीवाड़ा : मंदिर प्रशासन ने पुलिस से की शिकायत, कहा- परिसर व्यवसाय का केंद्र नहीं

UPT | काशी विश्वनाथ

Jul 20, 2024 11:26

वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम परिसर के नाम से फर्जी वेबसाइट बना कर ठगी करने का मामला सामने आया है। जहां लोगों को कम पैसे में दर्शन पूजन कराने के नाम पर पैसा कमाने का प्रयास...

Varanasi News : वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम परिसर के नाम से फर्जी वेबसाइट बना कर ठगी करने का मामला सामने आया है। जहां लोगों को कम पैसे में दर्शन पूजन कराने के नाम पर पैसा कमाने का प्रयास किया गया है। इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने वाराणसी पुलिस प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई के लिए शिकायत दर्ज करवाई है। मंदिर प्रशासन ने इस मामले की सूचना जनता और समाज के ध्यान में दी है और अनुशासनिक कार्रवाई की मांग की है ताकि इस प्रकार की धार्मिक स्थलों पर धन ठगी की गतिविधियों को रोका जा सके।

फर्जी वेबसाइट या पोर्टलों से बचें 
वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रशासन ने एक फर्जी वेबसाइट और पोर्टल के खिलाफ विवाद उठाया है। जिस पर उन्होंने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर का ऑनलाइन दर्शन और बुकिंग से संबंधित एकमात्र सही वेबसाइट का नाम "shrikashivishwanath.org" या "www.skvt.org" है। इसके अलावा अन्य वेबसाइटों या पोर्टलों को फर्जी बताने के संदेह में शिकायत दर्ज की गई है। विश्व भूषण मिश्रा ने कहा कि फर्जी वेबसाइट और पोर्टल से लोगों को गुमराह किया जा रहा है और इससे किसी को नुकसान हो सकता है।

मंदिर परिसर व्यवसाय का केंद्र नहीं
काशी विश्वनाथ मंदिर के पावन परिसर में फर्जी वेबसाइटों द्वारा एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इन वेबसाइटों ने धर्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करते हुए श्रद्धालुओं को मंदिर के विशिष्ट दर्शन के लिए धोखा देने का प्रयास किया। मंदिर प्रशासन ने बताया कि इन वेबसाइटों ने अपने आपको मंदिर के अधिकृत पोर्टल के रूप में पेश किया और श्रद्धालुओं को वास्तविक दर्शन के लिए पैसे वसूलने का प्रयास किया। जिसके खिलाफ हमें सख्त आपत्ति है। मंदिर परिसर बिल्कुल भी व्यवसाय का केंद्र नहीं है।

मंदिर प्रशासन ने वाराणसी पुलिस से की शिकायत
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने इस मामले में गंभीरता से उत्तर दिया है और वाराणसी पुलिस प्रशासन को भी इसे सूचित किया है। धर्म संस्थान के प्रमुख ने इसे 'शांति का विवाद' बताया है और विशेष तौर पर अभिषेक, पूजा और मंदिर परंपराओं के दर्शन के लिए धनराशि वसूलने का अनैतिक प्रयास बताया। यहां तक कि अवैध वेबसाइटों ने मंदिर प्रशासन द्वारा उपलब्ध किए गए ऑनलाइन दर्शन और प्रोटोकॉल को भी अपने स्वार्थी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया है।

भीड़ को देखते ऑनलाइन दर्शन की शुरू की सेवा
काशी विश्वनाथ मंदिर धाम का लोकार्पण दिसंबर 2021 में हुआ था, जिसके बाद से हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर प्रशासन ने बड़ी भीड़ को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन दर्शन और प्रोटोकॉल के माध्यम से दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई है। इसी बीच फर्जी वेबसाइटें श्रद्धालुओं को इस ऑनलाइन सेवा का फायदा उठाने के लिए प्रेरित कर रही हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो सकता है।

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