बसपा ने घोषित किया प्रत्याशी : गाजीपुर में डॉ. उमेश सिंह को बनाया अपना उम्मीदवार, विपक्षी नेताओं को देंगे टक्कर

UPT | बसपा प्रत्याशी डॉक्टर उमेश सिंह

Apr 14, 2024 20:44

गाजीपुर लोकसभा सीट से रविवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर बसपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। इस सीट से बसपा ने डॉ. उमेश सिंह को अपने उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है।

Ghazipur News (Vidya Sagar Upadhyay) : गाजीपुर लोकसभा सीट से रविवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर बसपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। इस सीट से बसपा ने डॉ. उमेश सिंह को अपने उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है। छात्र राजनीति से उभरकर आए डॉ. उमेश सिंह राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। बसपा ने इस बार गाजीपुर लोकसभा सीट से इन पर दांव खेला है। अब वह गाजीपुर में अपने विपक्षी उम्मीदवारों को टक्कर देंगे।

कौन हैं डॉ. उमेश सिंह
बता दें कि रविवार को बसपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा लंका में आयोजित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के कार्यक्रम में की। डॉ. उमेश सिंह मूलतः सैदपुर के मुड़ियार गांव के निवासी हैं। वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय से विज्ञान वर्ग से स्नातक करने के बाद एलएलबी और एलएलएम करते हुए छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। 1991-92 में वह बीएचयू के छात्र संघ महामंत्री चुने गए। लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि विषय में नेट की परीक्षा पास कर पीएचडी की। इस दौरान वह उत्तर भारत में पटना से लेकर दिल्ली तक विद्यार्थियों के मुद्दों पर छात्र युवा संघर्ष मोर्चा बनाकर आंदोलन करते रहे। छात्र जीवन के बाद वह उच्चतम न्यायालय दिल्ली में अधिवक्ता की भूमिका में भी रहे।

कई आंदोलन में निभाई भूमिका
बताया गया कि डॉ. उमेश सिंह पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के साथ जनमोर्चा में भी लगे रहे। जब देश में अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आगाज हुआ तो अरविंद केजरीवाल, प्रशांत कुमार भूषण, वीके सिंह, आनंद कुमार, योगेंद्र यादव, किरण बेदी के साथ इस आंदोलन की कोर टीम में शामिल रहे। 2014 में जब नरेंद्र मोदी वाराणसी में लोकसभा चुनाव लड़ने आए तो बनारस में छात्रनेताओं को लेकर अरविंद केजरीवाल के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने इनको बिहार प्रांत का चुनाव प्रभारी बनाया था, लेकिन उन्होंने जल्द ही आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। अब वह बसपा का दामन थामकर गाजीपुर से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में है। अब देखना है की सपा और भाजपा की टक्कर में इनका राजनीतिक अनुभव कहां तक सार्थक होता है।

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