वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं का जुलूस : बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों के अत्याचार के खिलाफ उठाई आवाज़

UPT | मुस्लिम महिलाएं पुतला फूंकते हुए

Aug 11, 2024 16:51

बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, हिंसा और हत्या के विरोध में वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने रविवार को एक जुलूस निकाला।

Varanasi News : बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, हिंसा और हत्या के विरोध में वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने रविवार को एक जुलूस निकाला। महिलाओं ने इस दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों का पुतला दहन किया और धार्मिक हिंसा की कड़ी निंदा की। महिलाओं ने इस जुलूस के माध्यम से यह संदेश दिया कि धर्म के नाम पर की जाने वाली हिंसा किसी भी प्रकार का आंदोलन नहीं है, बल्कि यह महिलाओं, बच्चों और हिंदुओं के संहार की साजिश है। 

बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे उतरे सड़कों पर 
सामाजिक संगठनों के बैनर तले, विशेष रूप से विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम महिला फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस मार्च में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे सड़कों पर उतरे। सुभाष भवन से प्रेमचन्द स्मृति द्वार तक निकाले गए इस सुरक्षा मार्च के दौरान महिलाओं ने ड्रम बजाकर दुनिया की बहरी सरकारों को बांग्लादेश में हो रही अत्याचारों की चीखें सुनाने का प्रयास किया। बांग्लादेश की घटनाओं को लेकर महिलाओं के भीतर गुस्सा और दर्द साफ झलक रहा था। इस मौके पर जिहादियों का पुतला फूंका गया, जो बांग्लादेश में हो रही हिंसा का प्रतीक था।

बांग्लादेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पूछे सवाल
महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर बांग्लादेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तीखे सवाल पूछे। एक तख्ती पर लिखा था, "महिला प्रधानमंत्री का अंतःवस्त्र लहराकर कौन सी क्रांति की जा रही है?" वहीं, दूसरी तख्ती पर लिखा था, "124 जिहादियों का एक महिला से बलात्कार, यह कौन सी क्रांति है?" महिलाओं ने जोरदार तरीके से सवाल उठाया कि मंदिरों को जलाना, बच्चों की लाशों को लटकाना और हिंदुओं का संहार किस प्रकार की क्रांति का हिस्सा हो सकता है? उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सवाल किया, "क्या यह दुनिया महिलाओं के रहने लायक बची है?"

जिहादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग
विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक मसला नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए जिहादियों की खुली चुनौती है। उन्होंने कहा कि सामूहिक बलात्कार इनके चरित्र का हिस्सा है, जो अपने देश की महिला प्रधानमंत्री के अंतःवस्त्र लहराकर जीत का जश्न मना सकते हैं, वो किसी भी महिला को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने सभी देशों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर जिहादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें, अन्यथा यह दुनिया महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रहेगी।

महिलाओं के साथ बर्बरता पर बात
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी ने कहा कि जिहादी हर देश में हैं और वे इस्लामी कानून लागू कर महिलाओं को सेक्स गुलाम बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह समय है कि सभी देश एकजुट होकर इन धार्मिक जिहादियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई करें, ताकि महिलाओं और बच्चों को इस आतंक से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं का धर्म के आधार पर कत्ल किया गया और महिलाओं के साथ बर्बरता की गई, जो पूरी इंसानियत के लिए शर्मनाक है।

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