किसान आंदोलन पर कंगना रनौत के विवादित बयान का विरोध : कांग्रेस ने वाराणसी में किया प्रदर्शन, निकाला मार्च

UPT | वाराणसी में कंगना रनौत के विवादित बयान के विरोध में प्रदर्शन करते कांग्रेस कार्यकर्ता।

Sep 01, 2024 00:35

हिमाचल प्रदेश के मंडी की भाजपा सांसद कंगना रनौत के किसान आंदोलन को लेकर दिए गए विवादित बयान के विरोध में वाराणसी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मार्च निकालकर विरोध किया।

Varanasi News : भारतीय जनता पार्टी की हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना रनौत की ओर से किसान आंदोलन पर दिए गए विवादित बयान के विरोध में वाराणसी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। शनिवार को शास्त्री घाट से जिला मुख्यालय तक कांग्रेस के महिला और पुरुष कार्यकर्ताओं ने एक मार्च निकाला, जिसमें कंगना रनौत से माफी मांगने और उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की गई। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक पत्रक सौंपा, जिसमें कंगना रनौत के बयान को किसानों के अपमान के रूप में दर्शाते हुए उनकी कड़ी निंदा की गई। 

मार्च का नेतृत्व कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष ने किया 
मार्च का नेतृत्व कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कंगना रनौत ने अपने बयान से देश के अन्नदाताओं का अपमान किया है, जिसे जनता सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को कंगना को तुरंत पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए और उनसे किसानों से माफी मंगवानी चाहिए। 

महिला जिला अध्यक्ष ने भी कंगना के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी
कांग्रेस की महिला जिला अध्यक्ष अनुराधा यादव ने भी कंगना के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत बार-बार विवादित बयान दे रही हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें भाजपा के शीर्ष नेताओं का समर्थन प्राप्त है। अनुराधा यादव ने कहा कि कंगना को तत्काल उनकी सांसद सदस्यता से बर्खास्त किया जाना चाहिए और उन्हें किसानों से माफी मांगने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।  

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह प्रदर्शन शांति और संयम के साथ संपन्न हुआ, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कंगना रनौत अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगती हैं और भाजपा उन्हें पार्टी से नहीं निकालती, तो वे आगे भी विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। कांग्रेस के इस कदम को राजनीतिक हलकों में काफी गंभीरता से लिया जा रहा है, और अब देखना यह है कि भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।  

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