कोवैक्सीन मामला : 11 वैज्ञानिकों पर मानहानि का दावा, शोध पत्र वापस लिया

UPT | बीएचयू के 11 वैज्ञानिकों पर मानहानि का दावा दायर

Sep 28, 2024 13:16

बीएचयू के विवादास्पद कोवैक्सीन शोध पत्र को इंटरनेशनल जर्नल ड्रग सेफ्टी ने वापस ले लिया है। संपादक के अनुसार इस शोध में वैक्सीन के प्रभावों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था...

Varanasi News : बीएचयू के विवादास्पद कोवैक्सीन शोध पत्र को इंटरनेशनल जर्नल ड्रग सेफ्टी ने वापस ले लिया है। संपादक के अनुसार इस शोध में वैक्सीन के प्रभावों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। समीक्षा के बाद यह शोध अब पब्लिक प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है। भारत बायोटेक कोवैक्सीन का निर्माता कंपनी ने 13 सितंबर को जर्नल और बीएचयू के प्रो. शंख शुभ्रा चक्रवर्ती सहित 11 वैज्ञानिकों पर पांच करोड़ रुपये की मानहानि का दावा दायर किया है। यह शोध 1024 व्यक्तियों पर आधारित था। इससे 635 किशोर और 291 वयस्क शामिल थे। शोध में यह दावा किया गया था कि 304 लोगों को सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, और कुछ किशोरियों में मासिक धर्म में अनियमितता का भी उल्लेख किया गया था।

कोवैक्सीन लेने वालों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ी
शोध पत्र 13 मई को कौवैक्सीन के सुरक्षा विश्लेषण (बीबीवी152) नाम से जर्नल में प्रकाशित हुआ था। बताया गया था कि उत्तर भारत में कोवैक्सीन ले चुके लोगों पर एक साल तक अध्ययन किया गया। शोध में शामिल एक-तिहाई लोगों में सांस संबंधी संक्रमण, खून के थक्के जमना, नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर और त्वचा संबंधी रोग मिले। एलर्जी का सामना कर रहे लोगों को वैक्सीन से खतरा बताया गया था।

बीएचयू ने भी बताया था अधूरा
आईसीएमआर द्वारा आईएमएस बीएचयू के डायरेक्टर प्रो. एसएन संखवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। डायरेक्टर ने जांच कमेटी बनाकर शोध पत्र को आधा-अधूरा बताया था। यह शोध आईएमएस बीएचयू के फॉर्माकोलॉजी और जीरियाट्रिक विभाग ने संयुक्त रूप से किया था।

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