वाराणसी के युवा वैज्ञानिकों का अनोखा आविष्कार : मिसाइल मैन की पुण्यतिथि पर जीवन रक्षक 'महादेव रिंग' बनाकर किया कमाल

UPT | महादेव अंगूठी

Jul 26, 2024 17:36

पूर्व राष्ट्रपति एवं मिसाइल मैन डॉ. एपीजी अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर वाराणसी के छात्रों ने एक अनोखी अंगूठी बनाई है। जिससे लोगों को अब एक्सीडेंट होने पर परिजनों एवं एंबुलेंस को सूचना देगी।

Varanasi News : पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर वाराणसी के छात्रों ने एक अनोखी अंगूठी बनाई है। इससे अब लोग दुर्घटना होने पर अपने रिश्तेदारों और एंबुलेंस को सूचित करेंगे। इससे लोगों को त्वरित राहत और बचाव मिल सकेगा। वाराणसी ही नहीं बल्कि पूरे भारत में दुर्घटनाओं से मरने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा है। इसी को ध्यान में रखते हुए छोटू दादा ने एक अनूठी कोशिश की है।
 
वाराणसी के आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर पर श्रद्धांजलि अर्पित कर अपने इनोवेशन आविष्कारों का प्रदर्शन किया। कक्षा 10 के छात्र आयुष यादव ने महादेव रिंग बनाई है। यह रिंग दुर्घटना में लोगों की मदद करेगी। गाड़ी चलाते समय इस रिंग को मोबाइल फोन के ब्लूटूथ से जोड़ना होगा। इस रिंग में 2 से 3 नंबर सेट किए जा सकते हैं, जैसे एंबुलेंस, डॉक्टर और परिवार के सदस्य, आपातकालीन स्थिति में बस रिंग का बटन दबाना है। बटन दबाते ही लोकेशन और कॉल सेट नंबरों पर चली जाएगी।

आपातकालीन परिस्थितियों में मदद मिलेगी
अगर हम सड़क दुर्घटनाओं के ज़्यादातर मामलों पर नज़र डालें तो हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में समय पर मदद और इलाज न मिलने की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। ऐसे में महादेव रिंग की मदद से लोगों को आपातकालीन परिस्थितियों में समय पर मदद मिल सकती है।

मोबाइल फोन चार्जर से चार्ज किया जा सकता है
छात्र आयुष ने बताया कि महादेव रिंग बनाने में 2 महीने का समय लगा और इसकी लागत 3000 रुपये आई है। इसे बनाने का उद्देश्य यह है कि दुर्घटना होने पर लोगों को जल्दी इलाज मिल सके,ताकि जान बचाई जा सके। रिंग को किसी भी मोबाइल फोन चार्जर से चार्ज किया जा सकता है। आयुष ने बताया कि रिंग बनाने में हमने ब्लूटूथ मॉड्यूल, 3.7 वोल्ट की बैटरी, एक रिंग एलईडी, माइक, लाइट आदि का इस्तेमाल किया है। 1 घंटे चार्ज करने के बाद यह 3 दिन तक काम करती है।

स्कूल में है जूनियर कलाम इन्नोवेशन लैब
आर्यन इंटरनेशनल स्कूल की निदेशक सुबिना चोपड़ा व विनीत चोपड़ा ने बताया हमारे स्कूल में जूनियर कलाम इन्नोवेशन लैब हैं, जहां बच्चे पढ़ाई के साथ अपने आइडिया इन्नोवेशन पर शोध करते हैं। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम साहब बच्चों के आदर्श थे और आज भी हैं। आज के यही छोटे -छोटे बाल वैज्ञानिक कल के देश का भविष्य हैं।

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