वाराणसी न्यूज :  गलती से पी लिया तेजाब, बीएचयू के डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर लौटाई की युवक की जिंदगी

UPT | मरीज के साथ डाक्टरों की टीम

Mar 04, 2024 18:27

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्थित सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने एक अत्यंत जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक कर एक युवक के जीवन को नई रोशनी...

वाराणसी न्यूज : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्थित सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने एक अत्यंत जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक कर एक युवक के जीवन को नई रोशनी से भर दिया। देवरिया जिले के भैंसही गांव निवासी 23 वर्षीय राजकुमार ने 3 माह पूर्व गलती से बाथरूम साफ करने का तेजाब पी लिया था। जिससे उसका मुंह और आहार नली बुरी तरह जल गई। मरीज को जलने के छाले ठीक होने के बाद आहार नली में जबरदस्त सिकुड़न हो गई। यह सिकुड़न इतनी थी कि खाना तो दूर, मरीज अपना लार भी नहीं निगल पाता था। उसका वजन तेजी से घटने लगा। 

डॉक्टरों ने ऐसे की सर्जरी
हालत खराब होने पर मरीज ने अपने पिता के साथ BHU के सर्जरी विभाग के प्रो. विवेक श्रीवास्तव से संपर्क किया। बीमारी की जटिलता और मरीज के गिरते स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मरीज को तत्काल भर्ती किया गया। पोषण की कमी को पूरा करने के बाद दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर नई आहार नली को गले और पेट में जोड़ा गया। ऑपरेशन प्रो. मुमताज अंसारी और प्रो. विवेक श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया। 

पांच घंटे चला ऑपरेशन 
ऑपरेशन की जानकारी साझा करते हुए प्रो. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि यह ऑपरेशन तकरीबन 5 घंटे चला। इसे दूरबीन द्वारा बड़ी आंत को काटकर सीने से गले तक ले जाकर गले में स्वस्थ आहार नली से जोड़ दिया गया। प्रो. मुमताज ने कहा कि यह ऑपरेशन अपने आप में बहुत जटिल है, पर अब दूरबीन की बेहतर सेवा और कौशल की वजह से इसे डॉक्टरों की टीम द्वारा बिना लंबा चीरा लगाए सफलतापूर्वक किया गया। इसका श्रेय टीम के हर सदस्य को जाता है। ऑपरेशन में सर्जरी विभाग के डॉ. अरविंद के साथ एनेस्थीसिया के प्रो. रामबदन सिंह ने सहयोग दिया। 

टीम में ये रहे शामिल
टीम में डॉ. अक्षय, डॉ. जूली, डॉ. शिवेंदु, डॉ. आदि, डॉ. हिमांशु राज, डॉ. ऋतिक, डॉ. उज्ज्वल, डॉ. आशीष, डॉ. महेंद्र और डॉ. प्रतीक के साथ नर्सिंग ऑफिसर दिनेश सैनी, अपराजिता, पृथा मजूमदार और तकनीकी सहयोगी अविनाश ने सहयोग दिया।
गैस्ट्रो मेडिसिन के डॉ. देवेश यादव और कार्डियो थोरेसिक के डॉ. नरेंद्र कुमार दास का विशेष योगदान मिला।

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