Firozabad News : दिव्यांग भाई के साथ धोखेबाजी, नशीला पदार्थ खिलाकर संपत्ति का दानपत्र अपने नाम करवाया

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 07, 2024 22:34

आरोप है कि छोटे भाई ने अपने दिव्यांग बड़े भाई को दवा दिलाने के बहाने घर से बाहर ले जाकर उन्हें नशीला पदार्थ खिलाया और इस दौरान उनके हिस्से की आठ बीघा ज़मीन और अन्य संपत्तियों का दानपत्र अपने नाम करा लिया...

Short Highlights
  • छोटे भाई ने बड़े दिव्यांग भाई की हड़पी संपत्ति 
  • पीड़ित ने जिलाधिकारी से मांगी मदद
  • दानपत्र को खारिज करने की मांग
Firozabad News : फिरोजाबाद जिले के एक गांव में बड़े भाई की संपत्ति के धोखे से दानपत्र कराने का एक मामला सामने आया है। रामजीलाल ने आरोप लगाया कि उसके छोटे भाई ने बड़े भाई की संपत्ति, जिसमें खेत और मकान शामिल हैं, का दानपत्र अपने नाम लिखवा लिया है। रामजीलाल का कहना है कि उसका बड़ा भाई, रामबीर सिंह, आंखों और कानों से दिव्यांग हैं और उनका भरण पोषण तथा देखभाल रामजीलाल ही करता था। आरोप है कि छोटे भाई ने अपने दिव्यांग बड़े भाई को दवा दिलाने के बहाने घर से बाहर ले जाकर उन्हें नशीला पदार्थ खिलाया और इस दौरान उनके हिस्से की आठ बीघा ज़मीन और अन्य संपत्तियों का दानपत्र अपने नाम करा लिया।

धोखे से दिव्यांग भाई की संपत्ति हड़पी
रामजीलाल का कहना है कि उसका छोटा भाई उनकी देखभाल नहीं करता और इस धोखाधड़ी के चलते उसे अब भूखों मरने की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उसने यह भी बताया कि दानपत्र में छोटे भाई ने अपनी पत्नी और बेटी को गवाह बनाया था। रामजीलाल ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की और न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि जब उन्होंने छोटे भाई से दानपत्र के बारे में पूछा तो वह उनसे लड़ने के लिए तैयार हो गया।



जानें पूरा मामला
यह पूरा मामला फिरोजाबाद के नसीरपुर थाना क्षेत्र के गांव रूधऊ का है, जहां रामजीलाल ने जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत पत्र दिया। शिकायत में उन्होंने कहा कि उनका बड़ा भाई रामबीर सिंह की शादी नहीं हुई है और उसके पास जीविका चलाने का कोई साधन नहीं है। ऐसे में, छोटे भाई के इस धोखाधड़ी के चलते उनका जीवन बहुत कठिन हो गया है। रामजीलाल ने इस दानपत्र को रद्द करने की मांग की है, ताकि उनकी संपत्ति पर उनका अधिकार बहाल हो सके।

दानपत्र खारिज करने की मांग
रामजीलाल ने जिलाधिकारी से अपील की है कि उनकी शिकायत पर शीघ्र कार्रवाई की जाए और दानपत्र को खारिज करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। उन्होंने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि यह उनके दिव्यांग बड़े भाई के हक की बात है, और उन्हें किसी भी प्रकार का धोखा नहीं सहन करना चाहिए।

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